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उत्तर प्रारूप
भूमिका (40-50 शब्द)
सुशासन को संक्षेप में परिभाषित करें।
मुख्य भाग (140-150 शब्द)
- सुशासन के आधारभूत तत्त्वों जैसे –जन सहभागिता, जवाबदेहिता, पारदर्शिता, उत्तरदायी, प्रभावी व कुशल, न्यायसंगत और समावेशी, सर्वसम्मति उन्मुख, विधि का शासन इत्यादि की चर्चा करें।
- भारत में सुशासन की प्रासंगिकता जैसे- आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक विकास, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बेहतर कार्यक्रम एवं सेवाएँ प्रदान करना, शैक्षणिक संस्थानों को मजबूती प्रदान करना, जवाबदेहिता में वृद्धि, लैंगिक समानता में वृद्धि, मानवाधिकारों का संरक्षण, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखना, लोकतंत्र को मज़बूती प्रदान करना, लोक प्रशासन में पारदर्शिता एवं सामर्थ्य को बढ़ावा देना आदि की चर्चा करें।
- सुशासन के मार्ग में आने वाली चुनौतियों यथा- राजनीतिक अपराधीकरण, भ्रष्टचार में वृद्धि, लैंगिक असमानता, हिंसात्मक गतिविधियों में वृद्धि, न्याय में देरी, प्रशासनिक व्यवस्था का केंद्रीकरण आदि की चर्चा करें।
निष्कर्ष (40-50 शब्द)
समाज की वर्तमान एवं भविष्य की ज़रूरतों के संदर्भ में सुशासन की महत्ता का उल्लेख करते हुए संतुलित निष्कर्ष लिखें।