काशी-तमिल संगमम एक सांस्कृतिक उत्सव है जिसका उद्देश्य उत्तर भारत और दक्षिण भारत की विविध पारंपरिक और सांस्कृतिक प्रथाओं को एक साथ लाना है;आदि की चर्चा करते हुए संक्षिप्त में भूमिका लिखें।
मुख्य भाग
किसी भी संस्कृति तथा सभ्यता को जीवंत रखने के लिए उसके बारे में जानना अति आवश्यक है। जिसके लिए विभिन्न कार्यक्रमों या सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है।
महत्व : ऐसे संगमम दो प्राचीन संस्कृतियों या सभ्यताओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है इन सम्मेलनों के द्वारा हमें प्राचीन ज्ञान ,कला-संस्कृति,समाज ,आस्था ,कानून ,नैतिकता ,समाज आदि की जानकारी प्राप्त होती है ।
अंग्रेज विद्वान एडवर्ड टायलर के अनुसार, 'संस्कृति या सभ्यता अपने व्यापक नृजातीय अर्थ में एक जटिल समग्र है जिसमें ज्ञान, आस्था, कला, नैतिकता, कानून, प्रथा तथा मनुष्य के समाज के सदस्य के रूप में होने के फलस्वरूप प्राप्त अन्य क्षमताएँ तथा आदतें शामिल होती हैं।
ऐसे संगमम का आयोजन प्राचीन काल से किया जा रहा है जैसे-तमिल साहित्य संगमम,बौद्ध संगीती आदि।
निष्कर्ष
काशी-तमिल संगमम के महत्व को बताते हुए संक्षिप्त में निष्कर्ष लिखें।