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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 4

‘सार्वजनिक संबंधों’ व ‘निजी संबंधों’ से आप क्या समझते हैं? सार्वजनिक संबंधों के सहज संचालन हेतु ‘शासकीय नियमों’ की आवश्यकता होती है, जबकि निजी संबंधों के सहज संचालन हेतु ‘नैतिक नियमों’ की। सोदाहरण चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

23-Dec-2020 | GS Paper - 4

Solutions:

उत्तर प्रारूप :

भूमिका– (45-50 शब्द)

‘सार्वजनिक संबंधों’ व ‘निजी संबंधों’ का अर्थ स्पष्ट करें।

मुख्य भाग– (160-170 शब्द)

  • एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करें जिसमें सार्वजनिक संबंधों का संचालन सरकारी नियमों/कानूनों के आधार पर हुआ हो, जैसे– सरकारी परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु किया गया अनुबंध, दो देशों के मध्य कूटनीतिक संबंध, सरकारी प्रतिनिधियों द्वारा आमजन तक पहुँचाए जाने वाले विभिन्न योजनाओं के लाभ आदि।
  • आगे ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा जैसे नैतिक मूल्यों के आधार पर सार्वजनिक संबंधों में ‘नैतिक नियमों’ की महत्ता को भी बताएँ।
  • एक अन्य उदाहरण से यह भी दर्शाएँ कि निजी संबंधों के सफल संचालन हेतु ‘नैतिक नियम’ अपरिहार्य हैं, जैसे– विश्वास, वफादारी आदि नैतिक मूल्य पारिवारिक रिश्तों को सहजतापूर्वक निभाने हेतु ज़रूरी होते हैं।
  • साथ ही, निजी संबंधों के संचालन हेतु कुछ शासकीय नियमों, जैसे– विभिन्न पर्सनल लॉ, घरेलू हिंसा अधिनियम, बाल-शोषण विरोधी अधिनियम आदि की भी भूमिका होती है।

निष्कर्ष– (25-30 शब्द)

सार्वजनिक व निजी, दोनों प्रकार के संबंधों के सहज संचालन हेतु शासकीय व नैतिक, दोनों नियमों की उपयोगिता को स्पष्ट करते हुए उत्तर समाप्त करें।



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