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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 1

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया है कि शून्य या अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को माता- पिता की संपत्ति में हिस्सेदारी से वंचित नहीं किया जा सकता। इस संदर्भ में मिताक्षरा विधि की चर्चा करते हुए मिताक्षरा एवं दयाभाग विधि के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।( सामान्य अध्ययन पेपर 1,शब्द सीमा 250)

03-Apr-2024 | GS Paper - 1

Solutions:

उत्तर प्रारूप

भूमिका

  • हाल के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के संदर्भ देते हुए मिताक्षरा विधि की चर्चा कीजिए जैसे: सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया है कि अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत माता- पिता की संपत्ति में हिस्सेदारी से वंचित नहीं किया जा सकता। न्यायालय नेमिताक्षरा कानून’ को मान्यता दिया, आदि का उल्लेख करते हुए संक्षिप्त भूमिका लिखें।

मुख्य भाग 

  • मिताक्षरा विधि की चर्चा कीजिए,जैसे: हिंदू अविभाजित परिवार में उत्तराधिकार संबंधी कानून दो प्राचीन विधियों पर आधारित हैः मिताक्षरा और दायभाग। मिताक्षरा कानून याज्ञवल्क्य स्मृति पर विज्ञानेश्वर का टीका है, यह समुत्तराधिकारी (Coparcenary) की अवधारणा को मान्यता देता है,आदि।
  • मिताक्षरा एवं दयाभाग विधि के बीच अंतर,यथा: मिताक्षरा रूढ़िवादी विधि एवं दयाभाग एक सुधारवादी विधि, मिताक्षरा पुत्र का जन्म होते ही पैतृक संपत्ति में उसका अधिकार उसके पिता के हिस्से के समान होता है तो दयाभाग पुत्र को पैतृक संपत्ति का अधिकार केवल पिता की मृत्यु के बाद ही प्राप्त होता है। 

निष्कर्ष

  • मिताक्षरा एवं दयाभाग विधि के विशेषताओं का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष लिखें।
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