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शॉर्ट न्यूज़: 01 सितम्बर, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 01 सितम्बर, 2022


दुनिया का सबसे ऊँचा सिंगल आर्च रेलवे पुल

पारस्परिक क़ानूनी सहायता संधि

पिन कोड के 50 वर्ष पूरे 

सुपर वासुकी 

ज़ोंबी आइस 


दुनिया का सबसे ऊँचा सिंगल आर्च रेलवे पुल

चर्चा में क्यों  

हाल ही में, चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के ऊपरी डेक के दो सिरों को जोड़ने वाले 'गोल्डन ज्वाइंट' (Golden Joint- अंतिम जोड़) का कार्य जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में संपन्न हुआ।

प्रमुख बिंदु

golden-joint

  • चिनाब नदी पर निर्मित यह पुल 1.3 किमी. लंबा है जो नदी तल से 359 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह ऊँचाई पेरिस स्थित एफिल टॉवर से 30 मीटर अधिक है। 
  • यह कश्मीर को प्रत्येक मौसम में रेल संपर्क सुविधा उपलब्ध कराएगी तथा सामाजिक-आर्थिक उत्थान में योगदान देगी। 
  • इस ज्वाइंट का कार्य पूरा होने के साथ ही पुल के दोनों सिरे (बक्कल और कौरी) आपस में जुड़ गए हैं। 
  • 467 मीटर के मुख्य आर्च के साथ यह पुल 100 किमी. प्रति घंटे तक हवा के दबाव को सहन करने में सक्षम है तथा इसे जोन-V के भूकंप झटकों को सहन करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। 
  • यह दुनिया का सबसे ऊँचा सिंगल आर्च रेलवे पुल है जो उत्तर-रेलवे की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक’ का एक हिस्सा है। रेल मंत्रालय की इस परियोजना को वर्ष 2002 में राष्ट्रीय परियोजना का दर्ज़ा दिया गया। 
  • गौरतलब है कि 'गोल्डन ज्वाइंट' सिविल इंजीनियरों द्वारा गढ़ा गया एक शब्द है।



पिन कोड के 50 वर्ष पूरे 

चर्चा में क्यों

आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के साथ ही 15 अगस्त, 2022 को पोस्टल इंडेक्स नंबर (Postal Index Number : PIN) कोड के भी 50 वर्ष पूरे हो गए। इसे 15 अगस्त, 1972 को पेश किया गया था। 

प्रमुख बिंदु 

  • भारत में पिन कोड को मेल छँटाई और डिलीवरी की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिये लागू किया गया था, जहाँ विभिन्न स्थानों के नाम प्राय: एक जैसे होते हैं और पत्र विभिन्न भाषाओं में लिखे जाते हैं। 
  • पिन कोड छह अंकों का होता है जिसमें पहला अंक डाक क्षेत्र का, दूसरा अंक उप-क्षेत्र का और तीसरा अंक छँटाई जिले (Sorting District) का प्रतिनिधित्व करता है। शेष अंक भौगोलिक अवस्थिति को और विशिष्ट डाकघर तक डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं। 
  • भारत में पिन कोड की पहल का श्रेय केंद्रीय संचार मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त सचिव और डाक व टेलीग्राफ बोर्ड के पूर्व वरिष्ठ सदस्य श्रीराम भीकाजी वेलंकर को जाता है, जो संस्कृत भाषा के प्रख्यात कवि भी थे। 
  • विश्व स्तर पर अमेरिका ने वर्ष 1963 में ज़ोन इम्प्रूवमेंट प्लान (Zone Improvement Plan : ZIP) कोड, ब्रिटेन ने 1960 के दशक में अल्फ़ान्यूमेरिक पोस्टल कोड तथा जापान ने 1968 में अपने पोस्टल कोड एड्रेस सिस्टम की शुरुआत की।

सुपर वासुकी 

चर्चा में क्यों

भारतीय रेलवे ने आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में 15 अगस्त को ‘सुपर वासुकी’ नामक मालगाड़ी का परीक्षण किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • रेलवे द्वारा चलाई गई यह अब तक की सबसे लंबी और सबसे भारी मालगाड़ी है। इसकी क्षमता मौजूदा रेलवे रेक का तीन गुना है। 
  • यह मालगाड़ी 3.5 किमी. लंबी है, जिसने कोरबा और राजनांदगांव के बीच लगभग 267 किमी. के बीच की दूरी तय की। 
  • इसे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) द्वारा चलाया गया, जिसमें 295 लोडेड वैगनों में 27,000 टन से अधिक कोयला लदा हुआ था। 

ज़ोंबी आइस 

चर्चा में क्यों 

‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 'ज़ोंबी आइस'  (Zombie Ice) के कारण ग्रीनलैंड की हिम चादर (Ice Sheet) पिघलने से वैश्विक समुद्र स्तर में कम-से-कम 27 सेमी. की वृद्धि होने का अनुमान है। 

क्या है ज़ोंबी आइस 

  • ज़ोंबी आइस को मृत या नष्टप्राय बर्फ के रूप में भी जाना जाता है। मूल हिम चादर का हिस्सा बने रहने के बावजूद इस पर ताजा बर्फ नहीं जमा हो रही है।
  • इस अध्ययन में ज़ोंबी आइस एक संतुलनावस्था की ओर संकेत करती है जहां ग्रीनलैंड के उच्च क्षेत्रों से हिमपात का प्रवाह ग्लेशियरों के किनारों को रिचार्ज करने के लिये होता है।
  • इसके लगातार पिघलने से समुद्र के जलस्तर में वृद्धि का खतरा बना रहता है। विगत कई दशकों से बर्फ के पिघलने की दर में वृद्धि और पुनःपूर्ति में कमी आई है।
  • हाल के अध्ययन के अनुसार, वैश्विक रूप से किसी भी जलवायु कार्रवाई को अपनाए जाने या वैश्विक तापन के मौजूदा स्तर पर स्थिर रहने के बावजूद 'ज़ोंबी बर्फ' के कारण ग्रीनलैंड की कुल बर्फ का 3.3% भाग पिघल जाएगा। 

समुद्र स्तर में वृद्धि के प्रभाव  

  • बड़े तटीय शहर पर सर्वाधिक प्रभाव।
  • संयुक्त राष्ट्र महासागर एटलस के अनुसार, दुनिया के 10 सबसे बड़े शहरों में से 8 तटीय क्षेत्रों के पास स्थित हैं।
  • विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक जोखिम रिपोर्ट के अनुसार पहले से ही 570 से अधिक तटीय शहरों में अनुमानित 800 मिलियन लोग वर्ष 2050 तक समुद्र स्तर में 0.5 मीटर की वृद्धि की चपेट में हैं। 
  • बाढ़, उच्च ज्वार और तूफानों आदि में की बारंबारता में वृद्धि।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं और बुनियादी ढाँचे के लिये खतरा।
  • निचले तटीय क्षेत्रों को अधिक नुकसान।

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