शॉर्ट न्यूज़ : 10 फरवरी , 2023
जम्मू-कश्मीर में मिला 59 लाख टन लिथियम
बायो-हाइब्रिड रोबोट
जम्मू-कश्मीर में मिला 59 लाख टन लिथियम
संदर्भ
- जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) के अनुसार जम्मू-कश्मीर (Northern Union Territory of Jammu and Kashmir) के रियासी जिले (Reasi) में 59 लाख टन लीथियम मेटल (अनुमानित) का भंडार मिला है।
लिथियम
- लिथियम एक रासायनिक तत्व है। साधारण परिस्थितियों में यह प्रकृति की सबसे हल्की धातु और सबसे कम घनत्व-वाला ठोस पदार्थ है।
- रासायनिक दृष्टि से यह क्षार धातु समूह का सदस्य है और अन्य क्षार धातुओं की तरह अत्यंत अभिक्रियाशील (रियेक्टिव) है, यानि अन्य पदार्थों के साथ तेज़ी से रासायनिक अभिक्रिया कर लेता है।
- यदि इसे हवा में रखा जाये तो यह जल्दी ही वायु में मौजूद ऑक्सीजन से अभिक्रिया करने लगता है, जो इसके शीघ्र ही आग पकड़ लेने में प्रकट होता है। इस कारणवश इसे तेल में डुबो कर रखा जाता है।
- तेल से निकालकर इसे काटे जाने पर यह चमकीला होता है लेकिन जल्द ही पहले भूरा-सा बनकर चमक खो देता है और फिर काला होने लगता है।
- अपनी इस अधिक अभिक्रियाशीलता की वजह से यह प्रकृति में शुद्ध रूप में कभी नहीं मिलता बल्कि केवल अन्य तत्वों के साथ यौगिकों में ही पाया जाता है।
- अपने कम घनत्व के कारण लिथियम बहुत हलका होता है और धातु होने के बावजूद इसे आसानी से चाकू से काटा जा सकता है।
इन देशों से भारत करता है लिथियम का इंपोर्ट
- इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे डिवाइस की बैटरी तैयार करने में लीथियम मेटल का इस्तेमाल किया जाता है.
- अब तक भारत देश में बैटरी बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटिना जैसे देशों से लीथियम का इंपोर्ट (आयात) किया जाता रहा है।
- लेकिन जम्मू कश्मीर में लीथियम का भंडार मिलने से विदेशी मुल्कों द्वारा इंमोर्ट में गिरावट आएगी।
- उम्मीद है कि अब भारत लीथियम की मांग को पूरा करने और इलेक्ट्रिक वाहनों व मोबाइल फोन की बैटरी तैयार करने के लिए के लिए जम्मू कश्मीर के लीथियम भंडार पर निर्भर रहेगा
बायो-हाइब्रिड रोबोट
ख़बरों में क्यों?
- हाल ही में तेल अवीव विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बायो-हाइब्रिड रोबोट विकसित किया है।
- यह जैविक सेंसर से लैस एक नया रोबोट है जो टिड्डियों के एंटीना का उपयोग करता है।
- यह सूँघने की क्षमता से युक्त रोबोट है।
- रोबोट बीमारी का पता लगाने और सुरक्षा जांच में सुधार के लिए इसका उपयोग करता है।
- टिड्डी एंटीना में 50,000 से अधिक घ्राण रिसेप्टर न्यूरॉन्स (Olfactory receptor neurons-ORN) शामिल हैं जो वायुजनित गंधक अणुओं को विद्युत संकेतों में परिवर्तित करते हैं।
बायो-हाइब्रिड रोबोट के बारे में मुख्य तथ्य
- बायो-हाइब्रिड रोबोट ऐसे रोबोट हैं जो इलेक्ट्रॉनिक और यांत्रिकी जैसे जैविक और कृत्रिम घटकों को एक साथ मिलाते हैं।
- जैविक घटकों का उपयोग करने से रोबोट में निपुणता, अनुकूलन क्षमता और ऊर्जा दक्षता में वृद्धि होती है।