शॉर्ट न्यूज़: 12 मई, 2022
भारत-यू.ए.ई. व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता लागू
भारतीय फार्मा निर्यात में वृद्धि
एनाबॉलिक स्टेरॉयड
भारत-यू.ए.ई. व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता लागू
चर्चा में क्यों
भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement : CEPA) आधिकारिक तौर पर 1 मई 2022 को लागू हुआ।
प्रमुख बिंदु
- भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच यह ऐतिहासिक समझौता 18 फरवरी 2022 को हस्ताक्षरित किया गया था।
- इसके तहत भारत के रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में किये जाने वाले निर्यात पर शून्य सीमा शुल्क लगेगा।
- भारत को अपनी 97% से अधिक टैरिफ लाइनों पर यू.ए.ई. द्वारा प्रदान की जाने वाली तरजीही बाजार पहुँच से लाभ होगा, जो मूल्य के संदर्भ में यू.ए.ई. को भारतीय निर्यात का 99% हिस्सा है।
- इनमें विशेष रूप से श्रम-गहन क्षेत्रों, जैसे- रत्न और आभूषण, वस्त्र, चमड़े, जूते-चप्पल, खेल के सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि व लकड़ी के उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण एवं ऑटोमोबाइल शामिल हैं।
- सेवाओं में व्यापार के संबंध में भारतीय सेवा प्रदाताओं की 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों के लगभग 111 उप-क्षेत्रों तक पहुँच में वृद्धि होगी।
संभावनाएँ
- इस समझौते से अगले 5 वर्षों में माल में द्विपक्षीय व्यापार के कुल मूल्य को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर और सेवाओं में व्यापार को 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक तक बढ़ाने की उम्मीद है।
- विदित है कि भारत अन्य पूरक अर्थव्यवस्थाओं के साथ बहुत तेज गति से व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है और ब्रिटेन, कनाडा व यूरोपीय संघ के साथ वार्ता प्रगति पर है। भारत के अगले 25 वर्षों में (वर्ष 2047 तक) 40 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होने की उम्मीद है।
भारतीय फार्मा निर्यात में वृद्धि
चर्चा में क्यों
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत के फार्मा निर्यात में वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में लगभग 103% की वृद्धि देखी गई।
फार्मा व्यापार की स्थिति
- वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान फार्मा निर्यात 1,83,422 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अर्जित निर्यात फार्मा सेक्टर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ निर्यात प्रदर्शन है।
- फार्मा व्यापार संतुलन लगातार भारत के पक्ष में बना हुआ है। 8 वर्षों में निर्यात में लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डालर की वृद्धि हुई है। भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग का वर्तमान बाजार आकार लगभग 50 बिलियन अमेरिकी डालर है।
- विश्व के लगभग 60% टीके एवं 20% जेनेरिक दवाएँ भारत से आती हैं। भारत मात्रा के हिसाब से विश्व भर में तीसरे एवं मूल्य के अनुसार 14वें स्थान पर है।
- भारत के वैश्विक फार्मा निर्यातों में फार्मास्यूटिकल एवं औषधियों का हिस्सा 5.92% है। देश के कुल फार्मा निर्यात में फॉर्मूलेशन एवं बायोलॉजिकल्स की हिस्सेदारी 73.31% है, इसके बाद बल्क ड्रग्स और ड्रग इंटरमीडिएट्स का स्थान आता है।
सफलता का कारण
- भारत की फार्मा सफलता के पीछे देश की विश्व स्तरीय विनिर्माण उत्कृष्टता, मजबूत बुनियादी ढांचा, लागत-प्रतिस्पर्धात्मकता, प्रशिक्षित मानव पूंजी तथा नवाचार का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
- भारत के शीर्ष 5 फार्मा निर्यात गंतव्य देश अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, रूस एवं नाइजीरिया हैं। विदित है कि भारत ने 97 से अधिक देशों को कोविड-19 टीकों की 115 मिलियन से अधिक खुराकें उपलब्ध कराईं।
एनाबॉलिक स्टेरॉयड
चर्चा में क्यों
एथिलीटों द्वारा खेल में प्रतिबंधित होने एवं अवैध इस्तेमाल को लेकर ‘एनाबॉलिक स्टेरॉयड’ (Anabolic Steroids) प्राय: चर्चा में रहता है।
एनाबॉलिक स्टेरॉयड
- एनाबॉलिक स्टेरॉयड वस्तुतः प्रयोगशाला में निर्मित टेस्टोस्टेरोन (एक प्रकार का पुरुष हार्मोन) ही है, जो प्राकृतिक हार्मोन की तरह ही मांसपेशियों की वृद्धि में सहायक होते हैं।
- यह किसी व्यक्ति में पुरुष की विशेषताओं, जैसे- चेहरे के बाल तथा भारी आवाज में वृद्धि करता है।
अन्य स्टेरॉयड से अंतर
- एनाबॉलिक स्टेरॉयड डॉक्टरों द्वारा प्रदाह (Inflammations), कई ऑटोइम्यून बीमारियों या कोविड-19 संक्रमण के दौरान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने के लिये निर्धारित स्टेरॉयड से बहुत अलग है।
- इन दवाओं को कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) कहा जाता है। प्रयोगशाला में निर्मित ये अणु कोर्टिसोल नामक हार्मोन की प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए शरीर की तनाव के प्रति प्रतिक्रिया, चयापचय और प्रदाह को नियंत्रित करता है।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के विपरीत एनाबॉलिक स्टेरॉयड का चिकित्सकीय उपयोग सीमित है।
सीमित उपयोग
- कई बार डॉक्टरों द्वारा गंभीर बीमारी या चोट के बाद रोगियों को वजन बढ़ाने के लिये एनाबॉलिक स्टेरॉयड दिया जाता है।
- मांसपेशी निर्माण के लिये बुजुर्गों को इसे कम मात्रा में दिया जा सकता है। साथ ही, कुछ मामलों में यह एनीमिया के इलाज में भी सहायक होता है।
- डॉक्टर प्राकृतिक टेस्टोस्टेरोन के कम स्तर वाले पुरुषों को भी इसे देते हैं। कुछ डॉक्टर ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज के लिये इसका प्रयोग करते है।
- बॉडीबिल्डर्स भी प्राय: एनाबॉलिक स्टेरॉयड का प्रयोग करते हैं। वर्तमान में मुख्य रूप से एथलीटों और खिलाड़ियों द्वारा इसका दुरुपयोग किया जाता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
- अल्पावधि में एनाबॉलिक स्टेरॉयड के प्रयोग से मुंहासे और बाल झड़ सकते हैं। साथ ही, इसके अत्यधिक दुरुपयोग से पुरुषों में स्तन का विकास (Gynaecomastia) और नपुंसकता (Erectile Dysfunction) हो सकता है।
- महिलाओं में इसके प्रयोग से चेहरे पर बालों का विकास, अत्यधिक क्रोध, मानसिक विक्षेप और गलत निर्णय की स्थिति पैदा हो सकती है।
- इसके दुरुपयोग से हृदय और वृक्क (Kidney) को क्षति पहुंच सकती है और क्रोध जैसे मानसिक समस्याओं में वृद्धि हो सकती है।