शॉर्ट न्यूज़: 16 फ़रवरी, 2022
कोआला प्रजाति
सुंदरबन में बाली द्वीप
कोआला प्रजाति
चर्चा में क्यों
हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कोआला प्रजाति को ‘लुप्तप्राय’ (Endangered) के रूप में वर्गीकृत किया है।
प्रमुख बिंदु
- कोआला ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों के यूकेलिप्टस के जंगलों में पाया जाने वाला एक शाकाहारी जीव है, जो यूकेलिप्टस की पत्तियाँ खाकर अपना जीवन निर्वाह करता है।यह दिखने में पांडा या भालू की तरह होता है तथा इसका औसत जीवन काल 14 वर्ष होता है।
- डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. (WWF) की रिपोर्ट के अनुसार, कोआला प्रजाति (Koala) केवल ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में ही पाई जाती है। वर्तमान में इसकी केवल एक प्रजाति ‘फास्कोलार्क्टोस सिनेरेस’ (Phascolarctos Cinereus) ही शेष बची है।
- ध्यातव्य है कि इसे दस वर्ष पहले संकटग्रस्त (threatened) में शामिल किया गया था, किंतु वर्ष 2019 में जंगल में आग लगने (ब्लैक समर), क्लैमाइडिया रोग, लंबे समय से सूखे के प्रभाव, शहरीकरण, आवास का विनाश आदि कारकों का इन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा, जिससे इनकी संख्या तेज़ी से कम हुई है।
सुंदरबन में बाली द्वीप
चर्चा में क्यों
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा चरखा, मधुमक्खी पालन आदि स्वरोजगार गतिविधियों के माध्यम से बाघ प्रभावित ‘बाली द्वीप’ के कायाकल्प के प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रमुख बिंदु
- यह पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना ज़िले में स्थित द्वीपों में से एक है, जो सुंदरबन के घने मैंग्रोव वन क्षेत्र में स्थित है। इसे सुंदरबन खलीशा फूल के शहद तथा वन्यजीव पर्यटन जैसे सजनेखली बाघ अभ्यारण्य आदि के लिये जाना जाता है।
- खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा इस द्वीप में बाघों द्वारा मारे गए पुरुषों की विधवाओं को कताई के लिये आधुनिक सुविधाएँ व उपकरण मुहैया कराए गए हैं। इन महिलाओं को ‘बाघ विधवा’ भी कहा जाता है।
- वर्ष 2018 से ये महिलाएँ खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की सूत कताई गतिविधियों में संलग्न थीं। यहाँ खादी गतिविधियों को बढ़ावा देने से ‘बाघ विधवाओं’ की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सकेगी।