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900 साल पुराने चालुक्य शिलालेख की खोज 

प्रारम्भिक परीक्षा – 900 साल पुराने चालुक्य शिलालेख की खोज, चालुक्य राजवंश
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 1 (इतिहास)

चर्चा में क्यों 

हाल ही में कल्याणी के चालुक्य राजवंश का एक 900 साल पुराना कन्नड़ शिलालेख, तेलंगाना के महबूबनगर जिले के गंगापुरम में खोजा गया।

Chalukya

प्रमुख बिंदु :-

  • इस शिलालेख को 8 जून, 1134 को कल्याण चालुक्य सम्राट 'भूलोकमल्ला' सोमेश्वर-तृतीय के पुत्र तैलप-तृतीय के सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा जारी किया गया था। 
  • इसमें भगवान सोमनाथ के एक दीपक और धूप के लिए टोल टैक्स की छूट दर्ज की गई है।

चालुक्य राजवंश:-

Chalukya-dynasty

  • कल्याणी के चालुक्य और वेंगी के चालुक्य दोनों बादामी के चालुक्य के वंशज हैं। 
  • चालुक्यों ने 6वीं से 12वीं शताब्दी के बीच दक्षिणी और मध्य भारत के कुछ हिस्सों पर शासन किया।

इनका शासन तीन अलग-अलग स्थानों में विभाजित था:-

  1. कल्याणी के चालुक्य वंश 
  2. वातापी के चालुक्य वंश 
  3. वेंगी के चालुक्य वंश 

1.कल्याणी के चालुक्य राजवंश:-

  • कल्याणी के चालुक्यों को पश्चिमी चालुक्यों के नाम से भी जाना जाता है। 
  • कल्याणी के चालुक्यों की स्थापना राष्ट्रकूट के सामंत तैलप-II या तैल-द्वितीय द्वारा की गई थी। 
  • इसकी राजधानी-मान्यखेट थी। 
  • वर्ष 973 में तैल-द्वितीय ने राष्ट्रकूट के शासक कक्का-द्वितीय को मारकर अपने राजवंश की स्थापना की तथा 24 वर्षों तक शासन किया। 
  • कल्याणी के चालुक्यों ने 200 से अधिक वर्षों तक शासन किया। 
  • इन्हें कन्नड़ भाषा में विशेष रुचि थी। 
  • कल्याणी के चालुक्यों ने कन्नड़ और संस्कृत साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया । 
  • इन्होंने कन्नड़ साहित्य के तीन रत्नों में से एक कवि “रन्ना” को भी संरक्षण दिया। 
  • कल्याणी के चालुक्य वंश के प्रमुख शासक :-तैलप प्रथम, तैलप द्वितीय, विक्रमादित्य, जयसिंह, सोमेश्वर, सोमेश्वर-II, विक्रमादित्य-VI, सोमेश्वर-III एवं तैलप-III ।
  • सोमेश्वर प्रथम ने मान्यखेट से राजधानी परिवर्तित कर कल्याणी (कर्नाटक) को बनाया।
  • इस वंश का सबसे प्रतापी शासक विक्रमादित्य-VI था।
  • विल्हण एवं विज्ञानेश्वर विक्रमादित्य-VI के दरबार में ही रहते थे।
    • मिताक्षरा (हिन्दु विधि ग्रंथ, याज्ञवल्क्य स्मृति पर व्याख्या) नामक ग्रंथ की रचना महान विधिवेत्ता विज्ञानेश्वर ने की थी।
    • विक्रमांकदेवचरित की रचना विल्हण ने की थी। 
    • इसमें विक्रमादित्य-VI के जीवन पर प्रकाश डाला गया है।

2.वातापी के चालुक्य राजवंश:-

  • जयसिंह ने वातापी के चालुक्य वंश की स्थापना की 
  • इसकी राजधानी वातापी (बीजापुर के निकट) थी। 
  • इस वंश के प्रमुख शासक :- पुलकेशिन प्रथम, कीर्त्तिवर्मन, पुलकेशिन-II,

विक्रमादित्य, विनयदित्य एवं विजयादित्य थे। 

  • इनमें सबसे प्रतापी राजा पुलकेशिन-II था। 
    • महाकूट स्तम्भ लेख से प्रमाणित होता है कि पुलकेशिन-II बहु सुवर्ण एवं अग्निष्टोम यज्ञ सम्पन्न करवाया था। 
    • पुलकेशिन-II ने जिनेन्द्र का मेगुती मंदिर बनवाया था।
  • पुलकेशिन-II ने हर्षवर्द्धन को हराकर परमेश्वर तथा 'दक्षिणापथेश्वर' की उपाधि धारण की।
  • पल्लववंशी शासक नरसिंह वर्मन प्रथम ने पुलकेशिन-II को लगभग 642 ई० में परास्त किया और उसकी राजधानी बादामी पर अधिकार कर लिया। 
  • संभवतः इसी युद्ध में पुलकेशिन- II मारा गया। 
  • इसी विजय के बाद नरसिंहवर्मन ने 'वातापिकोड' की उपाधि धारण की।

पुलकेशिन -II द्वारा किये गए कार्य :-

  • ऐहोल अभिलेख का संबंध पुलकेशिन-II से है। 
  • अजन्ता के एक गुहा चित्र में फारसी दूत-मंडल को स्वागत करते हुए पुलकेशिन-II को दिखाया गया है।
  • वातापी का निर्माणकर्ता कीर्तिवर्मन को माना जाता है।
  • मालवा को जीतने के बाद विनयादित्य ने सकलोत्तरपथनाथ की उपाधि धारण की।
  • विक्रमादित्य-II के शासनकाल में ही दक्कन में अरबों ने आक्रमण किया। 
  • इस आक्रमण का मुकाबला विक्रमादित्य के भतीजा पुलकेशी ने किया।
  •  इस अभियान की सफलता पर विक्रमादित्य-II ने इसे अवनिजनाश्रय की उपाधि प्रदान की। 
  • विक्रमादित्य-II की प्रथम पत्नी लोकमहादेवी ने पट्टदकल में विरूपाक्षमहादेव मंदिर तथा उसकी दूसरी पत्नी त्रैलोक्य देवी ने त्रैलोकेश्वर मंदिर का निर्माण करवायी। 
  • इस वंश का अंतिम राजा कीर्तिवर्मन द्वितीय था। 
  • इसे इसके सामंत दन्तिदुर्ग ने परास्त कर एक नये वंश (राष्ट्रकूट वंश) की स्थापना की।

3.वेंगी के चालुक्य राजवंश:-

  • इस वंश का संस्थापक विष्णुवर्धन था। 
  • इसकी राजधानी वेंगी (आन्ध्र प्रदेश) में थी। 
  • इस वंश के प्रमुख शासक :- जयसिंह प्रथम, इन्द्रवर्धन, विष्णुवर्धन द्वितीय, जयसिंह द्वितीय एवं विष्णुवर्धन-III थे।
  • इस वंश के सबसे प्रतापी राजा विजयादित्य तृतीय था।
  • इन्होंने तेलुगु साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न : कल्याणी के चालुक्य राजवंश के शिलालेख के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :

  1. हाल ही में कल्याणी के चालुक्य राजवंश का एक 900 साल पुराना कन्नड़ शिलालेख, तेलंगाना के महबूबनगर जिले के गंगापुरम में खोजा गया है।
  2. इस शिलालेख को 8 जून, 1134 में कल्याण चालुक्य सम्राट 'भूलोकमल्ला' सोमेश्वर-तृतीय के पुत्र तैलपा-तृतीय के सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा जारी किया गया था। 
  3. इस शिलालेख में भगवान सोमनाथ के एक दीपक और धूप के लिए टोल टैक्स की छूट दर्ज की गई है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक 

(b) केवल दो

(c) सभी तीन 

(d) कोई भी नहीं  

उत्तर (c)

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