चर्चा में क्यों है ?
- 1 अगस्त 2025 से अनुभवी वैज्ञानिक और कंपोजिट तकनीक विशेषज्ञ डॉ. ए. राजराजन को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC), तिरुवनंतपुरम का नया निदेशक नियुक्त किया गया है।
- वह डॉ. एस. उन्नीकृष्णन नायर का स्थान लेंगे, जो 31 जुलाई 2025 को सेवानिवृत्त हुए।

डॉ. ए. राजराजन:
- डॉ. राजराजन का इसरो के साथ लगभग चार दशकों का अनुभव रहा है।
- यह कंपोजिट सामग्रियों के विशेषज्ञ हैं और भारत के पहले निजी तौर पर निर्मित रॉकेट विक्रम-एस के सफल प्रक्षेपण में अग्रणी भूमिका निभा चुके हैं।
- इससे पहले वे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC-SHAR), श्रीहरिकोटा के निदेशक रह चुके हैं।
SDSC-SHAR में डॉ. राजराजन की उपलब्धियाँ
- गगनयान कार्यक्रम की तैयारी: इन्होंने मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए लॉन्च पैड और अन्य अवसंरचनाओं को तैयार करवाया।
- SSLV प्रक्षेपण परिसर: लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) के लिए एक विशेष लॉन्चिंग स्थल की निगरानी की।
- मिशन संचालन और संसाधन प्रबंधन: भारत की नई अंतरिक्ष नीति के अनुरूप उन्होंने वाणिज्यिक और सरकारी दोनों मिशनों के लिए संसाधनों का समुचित प्रबंधन किया।
- प्रमुख अभियानों का सफल संचालन: इन्होंने निम्नलिखित अभियानों की सफलता सुनिश्चित की:
- चंद्रयान-3
- आदित्य-एल1
- गगनयान टीवी-डी1 परीक्षण वाहन
- LVM3 M2/OneWeb India-1 (भारत का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन)
निजी भागीदारी को बढ़ावा देने में अग्रणी
- डॉ. राजराजन का एक बड़ा योगदान भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना रहा है:
स्काईरूट एयरोस्पेस का समर्थन
- भारत का पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस के सफल प्रक्षेपण में उन्होंने तकनीकी और प्रबंधन सहयोग दिया।
अग्निकुल कॉसमॉस को समर्थन
- चेन्नई स्थित स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस द्वारा निर्मित रॉकेट की पहली उड़ान में सहयोग प्रदान किया।
- यह उनकी सार्वजनिक-निजी साझेदारी में विश्वास को दर्शाता है, जो भारत की नई अंतरिक्ष नीति का भी अभिन्न हिस्सा है।
वीएसएससी में पूर्व अनुभव और स्वदेशीकरण की दिशा में कार्य
कंपोजिट तकनीक और स्वदेशी क्षमताएं
डॉ. राजराजन पहले भी वीएसएससी में कई अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। इन्होंने इसरो की स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ाने में निम्न योगदान दिए:
- भारत की अंतरिक्ष तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
- ठोस मोटर उत्पादन में भारतीय उद्योगों के साथ साझेदारी
- रणनीतिक सहयोगों के माध्यम से संवेदनशील प्रौद्योगिकियों का स्थानीयकरण
प्रश्न :-डॉ. ए. राजराजन ने किसका स्थान लिया है ?
(a) के. सिवन
(b) एस. सोमनाथ
(c) एस. उन्नीकृष्णन नायर
(d) के. राधाकृष्णन
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