New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Gandhi Jayanti Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Gandhi Jayanti Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

सर्वोच्च न्यायालय में दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति

प्रारंभिक परीक्षा –सर्वोच्च न्यायालय
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 2 - सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति और कॉलेजियम प्रणाली।

चर्चा में क्यों?

  • केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एसवी भट्टी की नियुक्ति को अधिसूचित किया है। सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने पिछले हफ्ते जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की नियुक्ति की सिफारिश की थी। 

सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या

  • सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायधीश के आलावा 33 न्यायाधीश होते हैं। 
  • ये न्यायाधीश 65 वर्ष की उम्र तक अपने पद पर रहते हैं। 
  • उच्चतम न्यायालय का मूल कार्यक्षेत्र उन मामलों में हैं जिनका विवाद केंद्र सरकार और किसी एक या कई राज्यों के बीच हो या एक ओर केंद्र सरकार और कोई एक या कई राज्य तथा दूसरी ओर एक या कई राज्यों के बीच हो अथवा दो या कई राज्यों के बीच हो।
  • वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में कुल 30 न्यायाधीश हैं। 
  • चार जजों के पद रिक्त थे, जिनमें दो नए जजों की नियुक्ति के बाद यह संख्या 32 हो जाएगी।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की अहर्ताएँ

  • संविधान के अनुच्छेद 124(3) के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिये तभी पात्र होगा यदि वह –
  • वह भारत का नागरिक हो।
  • किसी उच्च न्यायालय या एक से अधिक उच्च न्यायालयों में न्यूनतम 5 वर्षों तक न्यायाधीश रहा हो। 
  • अथवा किसी उच्च न्यायालय या एक से अधिक उच्च न्यायालयों में लगातार कम से कम 10 वर्षों तक अधिवक्ता रहा हो। इसमें वह अवधि भी जोड़ी जाएगी, जब वह जिला न्यायाधीश या उससे उपर के किसी न्यायिक पद पर रहा हो।  
  • अथवा राष्ट्रपति की राय में पारंगत विधिवेत्ता हो।

न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां: 

  • इन्हें पहली बार 17 अक्टूबर, 2011 को गौहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
  • वह अपने मूल उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और वर्तमान में  तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं।

न्यायमूर्ति एस वेंकटनारायण भट्टी:

  • इन्हें पहली बार 12 अप्रैल, 2013 को आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और वह अपने मूल उच्च न्यायालय में सबसे वरिष्ठ हैं। 
  • वर्तमान में केरल उच्च न्यायालय में 01 जून, 2023 से मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। 

कॉलेजियम प्रणाली और इसका विकास

  • यह उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण करने वाली प्रणाली है। 
  • सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाती है, इसमें सर्वोच्च न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश भी शामिल होते हैं। 
  • यह ना तो संवैधानिक संस्था है और ना ही वैधानिक, बल्कि इसकी स्थापना उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के माध्यम से हुयी है।

प्रथम न्यायाधीश मामला (1981)- 

  • इस मामले के निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, कि जजों की नियुक्ति के लिये सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की गयी अनुशंसा को राष्ट्रपति ठोस कारणों के आधार पर अस्वीकार कर सकता है। 

दूसरा न्यायाधीश मामला (1993)-

  • इस मामले के निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जजों की नियुक्ति के लिये मुख्य न्यायाधीश द्वारा की गयी अनुशंसा पर कार्यपालिका अपनी आपत्ति दर्ज करा सकती है।  
  • कार्यपालिका की आपत्ति के बाद, मुख्य न्यायाधीश कार्यपालिका की आपत्ति को स्वीकार करे या अस्वीकार दोनों ही परिस्थितियों में उसका निर्णय कार्यपालिका पर बाध्यकारी होगा। 
  • इस निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह अनुसंशा मुख्य न्यायाधीश की व्यक्तिगत राय से नहीं होगी, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय के दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों से परामर्श लेने के बाद भेजी जानी चाहिये।

तृतीय न्यायाधीश मामला (1998)-

  • इस निर्णय में कहा गया की सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को जजों की नियुक्ति और स्थानांतरण के मामले में अनुसंशा करने से पहले सर्वोच्च न्यायालय के 4 अन्य वरिष्ठतम जजों से परामर्श करना होगा।

कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना

  • इसके द्वारा की गई नियुक्तियों में स्पष्टता एवं पारदर्शिता की कमी होती है।
  • भाई-भतीजावाद या व्यक्तिगत पहचान के आधार पर नियुक्ति की संभावना बनी रहती है।
  • कॉलेजियम की नियुक्ति और निर्णय की प्रक्रिया गोपनीय होती है।
  • इसकी प्रक्रिया की कोई तय समय-सीमा नहीं है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X