(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका, संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना) |
संदर्भ
भारत के गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के मार्गदर्शन में कंबोडियाई अधिकारियों ने 27 जून से 22 जुलाई, 2025 तक एक वैश्विक साइबर धोखाधड़ी सिंडिकेट को निशाना बनाकर 15 दिनों का अभियान चलाया।
साइबर अपराध का बढ़ता दायरा
- कंबोडियाई के नोम पेन्ह एवं 16 प्रांतों में 138 स्थानों पर छापे मारे गए और 20 देशों (जैसे- भारत, चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, नाइजीरिया, रूस) से 606 महिलाओं सहित 3,075 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
- 105 भारतीय नागरिकों को हिरासत में लिया गया और भारत सरकार उनके प्रत्यावर्तन का समन्वय कर रही है।
- कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन, नकली पुलिस वर्दी (भारतीय एवं चीनी), ड्रग्स (एक्स्टसी), हथियार और ड्रग-प्रसंस्करण उपकरण जैसी सामग्री ज़ब्त की गई।
- घोटालों की प्रकृति : इसमें डिजिटल अरेस्ट, फर्जी निवेश योजनाएँ, क्रिप्टो धोखाधड़ी और मानव तस्करी शामिल हैं।
कार्यशैली
- पीड़ितों को सोशल मीडिया और धोखेबाज एजेंटों के माध्यम से आई.टी., डिजिटल मार्केटिंग या ग्राहक सहायता में आकर्षक नौकरियों का वादा करके लालच दिया जाता है।
- इनके विदेश में आगमन पर पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते थे और हिंसा की धमकियों के तहत लोगों को निवेश घोटाले, डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी और क्रिप्टोकरेंसी योजनाओं जैसे साइबर अपराधों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता था।
वित्तीय प्रभाव
दक्षिण-पूर्व एशिया के साइबर घोटालों से भारत को हर महीने 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होता है। भारत को वर्ष 2025 के पहले पाँच महीनों में ₹7,000 करोड़ का नुकसान हुआ।
सरकारी प्रतिक्रिया
- भारतीय दूतावासों ने स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय किया और मार्च 2025 में भारतीय वायुसेना के विमानों के माध्यम से 283 नागरिकों को थाईलैंड से हवाई मार्ग से लाया गया।
- भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने कंबोडिया में 45, लाओस में 5 और म्यांमार में 1 धोखाधड़ी वाले परिसर की पहचान की।
- भारत में नौकरी धोखाधड़ी एवं ठगी के लिए 178 प्राथमिकी दर्ज की गईं और 224 गिरफ्तारियाँ हुईं।
- विदेश मंत्रालय (MEA) ने विदेशी नौकरी के प्रस्तावों की पुष्टि के लिए परामर्श जारी किए और मानव तस्करी से निपटने के लिए कंबोडिया एवं म्यांमार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
चुनौतियाँ
- अज्ञात संख्या में साइबर धोखाधड़ी फंसे हुए भारतीय
- म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता
- उन्नत तकनीक का उपयोग करके जटिल घोटाले
आगे की राह
- साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए आसियान एवं इंटरपोल के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मज़बूत करना
- नकली नौकरी के प्रस्तावों के विरुद्ध चेतावनी देने और नियोक्ता की साख सत्यापित करने के लिए जन जागरूकता अभियानों को बढ़ावा देना
- साइबर अपराध केंद्रों को ट्रैक एवं निष्क्रिय करने के लिए उन्नत तकनीक के साथ I4C की क्षमताओं को मज़बूत करना
- धोखाधड़ी करने वाली भर्ती एजेंसियों के खिलाफ घरेलू कानूनी कार्रवाई में तेजी लाना
निष्कर्ष
भारत सरकार के मार्गदर्शन में कंबोडिया सरकार की यह कार्रवाई वैश्विक साइबर अपराध विरोधी प्रयासों में भारत की सक्रिय भूमिका और साइबर धोखाधड़ी एवं मानव तस्करी से निपटने के लिए मजबूत द्विपक्षीय व बहुपक्षीय तंत्र की आवश्यकता को दर्शाती है।