23 जुलाई को लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जयंती पर संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में पुष्पांजलि अर्पित की।
बाल गंगाधर तिलक : जीवन परिचय
प्रारंभिक जीवन
- जन्म : 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में
- परिवार : मध्यमवर्गीय मराठी चितपावन ब्राह्मण परिवार
- शिक्षा : पुणे के डेक्कन कॉलेज से गणित एवं संस्कृत में स्नातक (1877)
- कानून की डिग्री : वर्ष 1879 में किंतु वकालत छोड़कर समाज सेवा को चुना
राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान
- उपनाम : ‘लोकमान्य’ (लोगों द्वारा सम्मानित)
- नारा : ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस : 1890 में शामिल, उग्रवादी विचारधारा के नेता
- स्वदेशी आंदोलन : वर्ष 1905 के बंगाल विभाजन के खिलाफ स्वदेशी व बहिष्कार को बढ़ावा
- होमरूल लीग : वर्ष 1916 में एनी बेसेंट के साथ स्थापना और स्वशासन की मांग
- बाल गंगाधर तिलक ने अप्रैल 1916 में पूना (बेलगांव) में भारतीय होमरूल लीग की स्थापना की, जिसके अध्यक्ष जोसेफ वैपटिस्टा और सचिव एन. सी. केलकर थे। एनी बेसेंट ने सितंबर 1916 में मद्रास (अड्यार) में ‘आल इंडिया होमरूल लीग’ की स्थापना की, जिसके सचिव अरुंडेल थे।
शिक्षा एवं सामाजिक सुधार
- न्यू इंग्लिश स्कूल : 1880 में पुणे में स्थापना, शिक्षा के प्रसार के लिए
- डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी : 1884 में स्थापना, फर्ग्यूसन कॉलेज की नींव।
- सामाजिक सुधार : बाल विवाह और जातिगत भेदभाव के खिलाफ किंतु रूढ़िवादी हिंदू मूल्यों का समर्थन
पत्रकारिता और लेखन
- समाचार पत्र : दैनिक ‘केसरी’ (मराठी में) और साप्ताहिक ‘मराठा’ (अंग्रेजी में) की स्थापना (1881 में)
- लेखन : ‘गीता रहस्य’ और ‘आर्कटिक होम इन द वेदास’ जैसे ग्रंथ
- प्रभाव : अपने लेखन से जनजागरण और राष्ट्रवादी भावना को प्रोत्साहन
जेल और दमन
- कई बार जेल : 1897, 1908-1914 (मांडले जेल, बर्मा) में राजद्रोह के आरोप में
- 1908 में ‘केसरी’ में लेख के लिए 6 वर्ष की सजा
- संघर्ष : जेल में भी लेखन और चिंतन जारी रहा
महत्वपूर्ण उत्सव
- गणेश उत्सव : सामाजिक एकता के लिए वर्ष 1893 में सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरूआत
- शिवाजी उत्सव : राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में छत्रपति शिवाजी के सम्मान में उत्सव
निधन
- निधन : 1 अगस्त, 1920 को बंबई में
- विरासत : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उग्र राष्ट्रवाद के प्रणेता
प्रभाव
- भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को दिशा दी, गांधीजी पर गहरा प्रभाव
- राष्ट्रवाद एवं स्वशासन के प्रतीक के रूप में सम्मानित