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एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट परियोजना (ASW Shallow Water Craft project)

प्रारंभिक परीक्षा – पनडुब्बी रोधी युद्धपोत
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

चर्चा में क्यों 

भारतीय नौसेना के लिए ASW शैलो वॉटर क्राफ्ट  परियोजना के तीन पनडुब्बी रोधी युद्धपोत आईएनएस माहे, आईएनएस मालवन और आईएनएस मंगरोल को 30 नवंबर, 2023 को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL), कोच्चि में लॉन्च किया गया।

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प्रमुख बिंदु 

  • माहे श्रेणी के जहाज नौसेना के इन-सर्विस अभय श्रेणी एएसडब्ल्यू कार्वेट की जगह लेंगे और तटीय जल, कम तीव्रता वाले समुद्री, खदान बिछाने और उप-सतह निगरानी कार्यों में पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
  • ये जहाज 78 मीटर लंबे और 25 समुद्री मील अधिकतम गति ले सकते हैं। इनका विस्थापन लगभग 900 टन है।
  • इसमें  हल्के वजन वाले टॉरपीडो, एएसडब्ल्यू रॉकेट और माइन, क्लोज-इन हथियार प्रणाली (30 मिमी बंदूक) और 12.7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल बंदूकों से लैस हैं।
  • इनमें से प्रत्येक जहाज 78 मीटर लंबा, 11.36 मीटर चौड़ा, 2.7 मीटर का ड्राफ्ट, 896 टन का विस्थापन है और 25 समुद्री मील (लगभग 45 किमी प्रति घंटे) तक की गति प्राप्त कर सकता है।
  • रक्षा मंत्रालय और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर 30 अप्रैल 2019 को हस्ताक्षर किए गए थे।
  • माहे श्रेणी के एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट्स का नाम भारत के तट से सटे रणनीतिक महत्व के बंदरगाहों के नाम पर रखा गया है।
  • ‘माहे’ श्रेणी के जहाजों को स्वदेशी रूप से विकसित, अत्याधुनिक अंडरवॉटर सेंसर से लैस किया जाएगा। 
  • इस परियोजना का लक्ष्य 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ 'आत्मनिर्भर भारत' बनाना है।
  • स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता के प्रयासों की बदौलत भारत में एक जीवंत जहाज निर्माण प्रणाली मौजूद है। यह देश की बढ़ती नौसैनिक शक्ति का प्रमाण है।
  • तीन युद्धपोतों का प्रक्षेपण स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के ठीक बाद हुआ है जो उसी यार्ड में बनाया गया था।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. भारतीय नौसेना के लिए ASW शैलो वॉटर क्राफ्ट  परियोजना के तीन पनडुब्बी रोधी युद्धपोत आईएनएस माहे, आईएनएस मालवन और आईएनएस मंगरोल को 30 नवंबर, 2023 को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL), कोच्चि में लॉन्च किया गया।
  2. माहे श्रेणी के एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट्स का नाम भारत के तट से सटे रणनीतिक महत्व के बंदरगाहों के नाम पर रखा गया है।
  3. इसमें  हल्के वजन वाले टॉरपीडो, एएसडब्ल्यू रॉकेट एवं माइन, क्लोज-इन हथियार प्रणाली (30 मिमी बंदूक) और 12.7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल बंदूकों  से लैस हैं।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल एक

(b) केवल दो 

(c) सभी तीनों 

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: – एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट परियोजना क्या है ? एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट परियोजना की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए।

स्रोत : the hindu

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