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आज़ादीसैट

चर्चा में क्यों

हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा लघु उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (Small satellite Launch Vehicle: SSLV) की पहली उड़ान से एक छात्र उपग्रह ‘आज़ादीसैट’ एवं पृथ्वी अवलोकन उपग्रह’ (EOS-2) को लॉन्च किया गया, जो सही कक्षा में स्थापित न होने के कारण असफल हो गया है। 

आज़ादीसैट के बारे में 

  • आज़ादीसैट एक छात्र उपग्रह है, जिसमें 75 अलग-अलग पेलोड है। इसे ग्रामीण भारत के विभिन्न हिस्सों की 750 छात्राओं द्वारा विकसित किया गया है। 
  • इसका उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष को चिह्नित करना है, जिसे सरकार द्वारा 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मनाया जा रहा है। 
  • 8 किलो वजन वाले इस उपग्रह को 'स्पेस किड्स इंडिया' की छात्र टीम द्वारा एकीकृत किया गया है।

लघु उपग्रह प्रक्षेपण वाहन

  • इस तीन चरणीय प्रक्षेपण यान का प्रत्येक चरण ठोस ईंधनपर आधारित है। इसका व्यास 2 मीटर तथा इसकी ऊँचाई 34 मीटर है।
  • यह 500 किग्रा. तक के उपग्रहों को अधिकतम 500 किमी. की ऊँचाई तक स्थापित करने में सक्षम है। यह एक बार में अनेक उपग्रहों को प्रक्षेपित कर सकता है।
  • इस यान के द्वारा मांग के अनुरूप नैनो, सूक्ष्म और लघु उपग्रहों को न्यूनतम लागतएवं न्यूनतम प्रक्षेपण बुनियादी ढाँचे के साथप्रक्षेपित किया जा सकता है। इससे भारत की लघु उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता में वृद्धि होगी।
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