प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सितंबर के दूसरे सप्ताह में ₹5,021 करोड़ की अनुमानित लागत से निर्मित 51.38 किमी. लंबी बैराबी-सैरांग नई ब्रॉड गेज लाइन के उद्घाटन के साथ ही पूर्वोत्तर भारत का मिज़ोरम राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा।
बैराबी-सैरांग रेल लाइन के बारे में
- आइज़ोल से लगभग 20 किमी. दूर सैरांग तक आने वाली यह नई लाइन राज्य की राजधानी को अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के साथ देश के बाकी हिस्सों से भी जोड़ेगी।
- नई लाइन परियोजना को चार खण्डों में एक साथ क्रियान्वित किया गया है :
- बैराबी-होरटोकी (16.72 किमी.)
- होरटोकी-कावनपुई (9.71 किमी.)
- कावनपुई-मुआलखांग (12.11 किमी.)
- मौलखांग-सैरांग (12.84 किमी.)
- बैराबी-सैरांग लाइन असम के सिलचर को भोधापुर जंक्शन के माध्यम से जोड़ती है। इससे यह नेटवर्क असम, त्रिपुरा एवं अरुणाचल प्रदेश के साथ एकीकृत हो जाता है।
- इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 नवंबर, 2014 को रखी और 27 मई, 2016 को बैराबी एवं सिलचर के बीच पहली यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
- पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अनुसार भारतीय रेलवे की वर्ष 2030 तक नागालैंड, मणिपुर, मेघालय एवं सिक्किम को राष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ने की योजना है।
- मिज़ोरम में लगभग सभी आवश्यक वस्तुएँ असम के सिलचर से लाई जाती हैं जो सड़क मार्ग से लगभग 10 घंटे का समय लेती हैं।
- नई लाइन के चालू होने से यात्रा का समय लगभग तीन घंटे रह गया है जिससे राज्य के निवासियों को बड़ी राहत मिली है।
- यह परियोजना मिज़ोरम के लिए किफायती परिवहन विकल्प प्रदान करेगी और पर्यटन पर विशेष ध्यान देने के साथ क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी