बानू मुश्ताक की ‘हार्ट लैंप’ को मिला अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
बानू मुश्ताक की हार्ट लैंप को लंदन में अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
यह पुरस्कार जीतने वाली पहली कन्नड़ भाषा की पुस्तक है।
हार्ट लैंप पुस्तक:
'हार्ट लैंप' कर्नाटक की लेखिका, कार्यकर्ता और वकील बानू मुश्ताक द्वारा लिखित लघु कहानी संग्रह है।
यह कृति मूल रूप से कन्नड़ भाषा में लिखी गई है।
इसका अंग्रेज़ी अनुवाद प्रसिद्ध अनुवादक दीपा भास्थी द्वारा किया गया है।
इस संग्रह में कुल 12 कहानियाँ शामिल हैं, जो 1990 से 2023 के बीच लिखी गई थीं।
इन कहानियों की शैली मजाकिया, विशद, बोलचाल की भाषा वाली और पारिवारिक व सामुदायिक तनावों को दर्शाने वाली है।
निर्णायकों ने संग्रह की तीखी और प्रभावशाली शैली की विशेष सराहना की।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार:
यह पुरस्कार उन पुस्तकों को दिया जाता है जो मूलतः अंग्रेज़ी के अलावा किसी भी भाषा में लिखी गई हों और उनका अंग्रेज़ी में अनुवाद UK/आयरलैंड में प्रकाशित हुआ हो।
स्थापना वर्ष: 2005
उद्देश्य:विश्व साहित्य को प्रोत्साहन देना और अंग्रेज़ी में अनूदित श्रेष्ठ साहित्य को सम्मानित करना।
पुरस्कार राशि:
कुल पुरस्कार राशि: £50,000 (लगभग ₹52 लाख)
यह राशि लेखक और अनुवादक के बीच बराबर बाँटी जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर बनाम बुकर पुरस्कार:
International Booker Prize – अनुवादित पुस्तकों के लिए।
Booker Prize (पूर्व में मैन बुकर पुरस्कार) – मूलतः अंग्रेज़ी में लिखी गई पुस्तकों के लिए।
प्रश्न. 'हार्ट लैंप' पुस्तक किस भाषा में मूल रूप से लिखी गई है?