New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी 

  • बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी, भारत में चार दिवसीय (26 जनवरी से 29 जनवरी) गणतंत्र दिवस समारोह का अंतिम समारोह है, जिसमें गणतंत्र दिवस परेड भी शामिल है। 
  • इस तरह का समारोह यूके, यूएस, कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में भी सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित किया जाता है।

beating-retreat-ceremony

क्या है बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी?

  • केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, इसे 'बीटिंग द रिट्रीट' भी कहा जाता है। 
  • यह सदियों पुरानी सैन्य परंपरा को दर्शाता है जब सूर्यास्त के समय सैनिक लड़ना बंद कर देते हैं, अपनी तलवारों को म्यान में रख लेते हैं और रिट्रीट की आवाज पर अपने शिविरों में लौटने के लिए युद्ध के मैदान से हट जाते हैं। 
  • इसके साथ कुछ प्रोटोकॉल भी होते थे, जैसे झंडों को नीचे करना।
  • भारत पहली बार बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन वर्ष 1952 में हुआ था, तब इसके दो कार्यक्रम हुए थे- 
    • पहला कार्यक्रम दिल्ली में रीगल मैदान के सामने मैदान में हुआ था,
    • दूसरा लालकिले में हुआ था,
  • तब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बड़े पैमाने पर बैंड के संगीतमय अनूठे समारोह को स्वदेशी रूप से विकसित किया। 
  • समारोह में राष्ट्रपति बतौर चीफ गेस्ट शामिल होते हैं, उनके आते ही उन्हें नेशनल सैल्यूट दिया जाता है। 
  • इस बार के समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष हंगरी के साबा कोरोसी उपस्थित हुए।

इतिहास 

  • इसकी सबसे प्रारंभिक उत्पत्ति 17 वीं शताब्दी में इंग्लैंड में मानी जाती है, जब शासक जेम्स द्वितीय ने अपने सैनिकों को ड्रम बजाने, झंडे कम करने और युद्ध के एक दिन के अंत की घोषणा करने के लिए एक परेड आयोजित करने का आदेश दिया था। 
  • समारोह को तब 'वॉच सेटिंग' कहा जाता था और यह सूर्यास्त के समय ईव्निंग गन से एक राउंड फायर करने के बाद समापन होता था।

समारोह में संगीत 

  • इस समारोह में बैंड एक अनूठी विशेषता है,  इस वर्ष थल-सेना, नौसेना, वायु सेना और राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के संगीत बैंड द्वारा 29 भारतीय धुनें बजाई गई। 
  • बैंड इन गीतों को बजाते हैं और राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। 
  • समारोह के दौरान विभिन्न सेना रेजीमेंटों के सैन्य बैंड, पाइप और ड्रम बैंड, बगलर्स और ट्रम्पेटर्स प्रदर्शन करते हैं।
  • इसके अलावा, नौसेना और वायु सेना के बैंड भी हैं। सेना के मिलिट्री बैंड द्वारा बजाई जाने वाली अधिकांश धुनें भारतीय धुनों पर आधारित होती हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X