| (प्रारंभिक परीक्षा: महत्त्वपूर्ण सम्मलेन एवं आयोजन) |
चर्चा में क्यों
4 नवंबर 2025 को क़तर की राजधानी दोहा में आयोजित द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन (Second World Summit for Social Development) में विश्व नेताओं ने दोहा राजनीतिक घोषणा को सर्वसम्मति से अपनाया।
सम्मेलन के मुख्य उद्देश्य
- 2030 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के कार्यान्वयन को मजबूत करना।
- सामाजिक असमानताओं को कम करना और समान अवसरों को बढ़ावा देना।
- वैश्विक सहयोग और एकजुटता को सशक्त बनाना।
- महिलाओं, युवाओं और वंचित वर्गों की सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करना।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए सामूहिक कदम उठाना।
मुख्य बिंदु
- प्रतिभागी: 40 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 170 मंत्री, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख, युवा प्रतिनिधि, नागरिक समाज और विशेषज्ञ।
- समीक्षा प्रक्रिया: आने वाले पाँच वर्षों में Commission for Social Development द्वारा प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
- जलवायु कार्रवाई: UNFCCC और पेरिस समझौते (Paris Agreement) के तहत त्वरित जलवायु कदमों की आवश्यकता दोहराई गई।
- समानता और मानवाधिकार: किसी को भी पीछे न छोड़ने (Leave No One Behind) की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया।
दोहा राजनीतिक घोषणा के बारे में
- दोहा राजनीतिक घोषणा सामाजिक विकास के क्षेत्र में देशों की साझा प्रतिबद्धता को दोहराती है।
- इस घोषणा का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, सामाजिक समावेशन और मानवाधिकारों की रक्षा को बढ़ावा देना है।
- यह घोषणा 1995 में कोपेनहेगन सामाजिक विकास घोषणा और 2030 सतत विकास एजेंडा की भावना को आगे बढ़ाती है।
तीन प्रमुख स्तंभ
- गरीबी उन्मूलन
- सभी के लिए सम्मानजनक और उत्पादक रोजगार
- सामाजिक समावेशन
वित्तीय सहयोग और वैश्विक साझेदारी
- घोषणा पत्र में अदिस अबाबा एक्शन एजेंडा और सेविले प्रतिबद्धता (Sevilla Commitment) का उल्लेख करते हुए वैश्विक वित्तीय ढांचे में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
- इसका उद्देश्य विकासशील देशों के लिए विकास और जलवायु वित्त तक समान पहुंच सुनिश्चित करना है।
- साथ ही, घोषणा में बहुपक्षीय संस्थाओं (Multilateral Institutions) को और अधिक प्रतिनिधित्वकारी एवं सशक्त बनाने का आह्वान किया गया।
भारत की भूमिका
भारत की ओर से श्रम एवं रोजगार मंत्री ने इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया। भारत ने अपने सामाजिक सुरक्षा अभियानों, जैसे- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत और स्किल इंडिया मिशन, के माध्यम से समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
महत्व
- सामाजिक न्याय, शांति और स्थिरता को विकास के मूल में स्थापित करना।
- वैश्विक सहयोग को मजबूत बनाना ताकि कोई भी देश या व्यक्ति पीछे न रह जाए।
- 2030 के सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में नई ऊर्जा और सामूहिक प्रयासों को गति देना।
- गरीबी, भेदभाव और जलवायु असमानता जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए साझा दृष्टिकोण अपनाना।
निष्कर्ष
दोहा राजनीतिक घोषणा विश्व समुदाय की साझा जिम्मेदारी और सामूहिक आशा का प्रतीक है। यह घोषणा यह संदेश देती है कि सामाजिक विकास केवल सरकारों का कार्य नहीं, बल्कि नागरिकों, युवाओं और संगठनों का संयुक्त प्रयास है। जैसा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा “दोहा घोषणा मानवता के लिए एक साहसिक जन-योजना है, हमें मिलकर वह भविष्य बनाना है जिसकी दुनिया को ज़रूरत है और जो वह वास्तव में डिज़र्व करती है।”