New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 19th Jan. 2026, 11:30 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 09th Jan. 2026, 11:00 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Delhi : 19th Jan. 2026, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 09th Jan. 2026, 11:00 AM

राष्ट्र प्रेरणा स्थल

(प्रारंभिक परीक्षा: भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1: स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान, स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण व पुनर्गठन)

संदर्भ 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा दो अन्य वरिष्ठ भारतीय नेताओं के जीवन, विचारों व आदर्शों को सम्मान देने के उद्देश्य से बने राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • लखनऊ के हरदोई रोड पर गोमती नदी के तट पर स्थित यह राष्ट्र प्रेरणा स्थल लगभग 65 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह स्मारक अटल बिहारी वाजपेयी, दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी को समर्पित है। 
  • कमल के आकार में निर्मित यह परिसर भाजपा के चुनाव चिह्न का प्रतीक है और इन दिवंगत नेताओं की तीन भव्य कांस्य प्रतिमाओं से सुसज्जित है। 

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में  

  • श्री वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक विनम्र स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ। 
  • श्री वाजपेयी का राष्ट्रवादी राजनीति से जुड़ाव छात्र जीवन में ही हो गया था। वर्ष 1942 में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अंत की दिशा में एक निर्णायक कदम था। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने पत्रकार के रूप में की थी किंतु 1951 में भारतीय जन संघ से जुड़ने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। 
  • 13 अक्तूबर, 1999 को उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की गठबंधन सरकार के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इससे पहले वर्ष 1996 में वे अल्पकाल के लिए प्रधानमंत्री रहे थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद वे ऐसे पहले प्रधानमंत्री बने, जिन्हें दो बार प्रधानमंत्री पद संभालने का अवसर मिला।
  • वे नौ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए, जो अपने आप में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बारे में 

  • श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक होने के पश्चात श्री मुखर्जी 1923 में सेनेट के सदस्य बने। 
  • वर्ष 1926 में उन्होंने इंग्लैंड के लिए प्रस्थान किया जहां लिंकन्स इन से 1927 में बैरिस्टर की परीक्षा उत्तीर्ण की।  
  • कांग्रेस प्रत्याशी और कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के रूप में उन्हें बंगाल विधान परिषद का सदस्य चुना गया किंतु कांग्रेस द्वारा विधायिका के बहिष्कार का निर्णय लेने के पश्चात उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। बाद में डॉ. मुखर्जी स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में निर्वाचित हुए।
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें अंतरिम सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में शामिल किया। नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली के बीच हुए समझौते के पश्चात 6 अप्रैल, 1950 को उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। 
  • 1951-52 के आम चुनावों में राष्ट्रीय जनसंघ के तीन सांसद चुने गए जिनमें एक डॉ. मुखर्जी भी थे। तत्पश्चात उन्होंने संसद के अन्दर 32 लोकसभा और 10 राज्यसभा सांसदों के सहयोग से नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया। 
  • डॉ. मुखर्जी भारत की अखंडता और कश्मीर के विलय के दृढ़ समर्थक थे। उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को भारत के बाल्कनीकरण की संज्ञा दी थी। अनुच्छेद 370 के राष्ट्रघातक प्रावधानों को हटाने के लिए भारतीय जनसंघ ने हिन्दू महासभा और रामराज्य परिषद के साथ सत्याग्रह आरंभ किया। 
  • अगस्त 1952 में जम्मू एवं कश्मीर की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि ‘या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूंगा'। डॉ. मुखर्जी अपने संकल्प को पूरा करने के लिये 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू एवं कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 23 जून, 1953 को जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। 

पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बारे में 

  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को उत्तर प्रदेश की ब्रजभूमि मथुरा में नगला चंद्रभान नामक गांव में हुआ था। 
  • दीनदयाल जी ने अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा पिलानी में विशेष योग्यता के साथ उत्तीर्ण की। तत्पश्चात वो बी.ए. की शिक्षा ग्रहण करने के लिए कानपुर आ गए जहाँ उन्होंने सनातन धर्म कॉलेज में दाखिला लिया। अपने एक मित्र श्री बलवंत महाशब्दे की प्रेरणा से सन 1937 में वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सम्मिलित हो गए।  
  • सन 1950 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया और देश में एक वैकल्पिक राजनीतिक मंच के सृजन के लिए श्री गोलवलकर जी से आदर्शवादी व  देशभक्त नौजवानों को उपलब्ध कराने के लिए सहायता मांगी। 
  • 21 सितंबर, 1951 में उत्तर प्रदेश में एक राजनीतिक सम्मेलन का सफल आयोजन किया। इसी सम्मेलन में देश में एक नए राजनीतिक दल भारतीय जनसंघ की राज्य इकाई की स्थापना हुई। इसके एक माह के बाद 21 अक्टूबर,1951 को डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने भारतीय जनसंघ के प्रथम अखिल भारतीय सम्मेलन की अध्यक्षता की।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR