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कर राजस्व (Tax Revenue) उपकर (Cess) और अधिभार (Surcharge)

कर राजस्व सरकार द्वारा विभिन्न करों (टैक्स) से एकत्रित की जाने वाली आय को कहा जाता है। यह सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियों का प्रमुख हिस्सा होता है, जो देश की अर्थव्यवस्था को चलाने, विकास कार्यों, कल्याण योजनाओं और बुनियादी ढांचे के लिए उपयोग किया जाता है। सरल शब्दों में, यह वह धन है जो सरकार नागरिकों, कंपनियों और संस्थाओं से कर के रूप में वसूलती है। यह राजस्व प्राप्तियों का एक हिस्सा है, जिसमें कर राजस्व के अलावा गैर-कर राजस्व (जैसे ब्याज, लाभांश, शुल्क आदि) भी शामिल होता है। लेकिन "कर राजस्व" विशेष रूप से करों से आने वाली आय को संदर्भित करता है।

कर राजस्व के मुख्य प्रकार

करों को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:

  1. प्रत्यक्ष कर (Direct Taxes): ये कर सीधे व्यक्ति या संस्था की आय या संपत्ति पर लगाए जाते हैं। कर का बोझ करदाता पर ही पड़ता है और इसे दूसरों पर हस्तांतरित नहीं किया जा सकता।
    • उदाहरण:
      • आयकर (Income Tax) – व्यक्तियों की आय पर।
      • निगम कर (Corporate Tax) – कंपनियों के लाभ पर।
  2. प्रतिभूति लेनदेन कर (STT)
    • अप्रत्यक्ष कर (Indirect Taxes): ये कर वस्तुओं और सेवाओं के उपभोग या बिक्री पर लगाए जाते हैं। कर का बोझ निर्माता/विक्रेता से उपभोक्ता पर हस्तांतरित हो जाता है।
    • उदाहरण:
      • वस्तु एवं सेवा कर (GST)।
      • सीमा शुल्क (Customs Duty) – आयात पर।
      • उत्पाद शुल्क (Excise Duty)।

अन्य वर्गीकरण:

  • प्रगतिशील कर: आय बढ़ने पर कर की दर बढ़ती है (जैसे आयकर)।
  • प्रतिगामी कर: आय बढ़ने पर कर का बोझ अपेक्षाकृत कम पड़ता है (कई अप्रत्यक्ष कर)।

उपकर (Cess) और अधिभार (Surcharge) क्या हैं ?

भारत की कर प्रणाली में उपकर और अधिभार दोनों ही मुख्य करों (जैसे आयकर, जीएसटी आदि) के ऊपर लगाए जाने वाले अतिरिक्त शुल्क हैं। ये "टैक्स ऑन टैक्स" की तरह काम करते हैं, लेकिन इनका उद्देश्य, उपयोग और लागू होने का तरीका अलग-अलग है। दोनों ही केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाते हैं और इनकी आय राज्यों के साथ साझा नहीं की जाती (विभाज्य पूल से बाहर)।

उपकर (Cess) 

  • उपकर एक विशेष प्रयोजन के लिए लगाया जाता है और इसकी राशि केवल उसी कार्य पर खर्च की जानी चाहिए।
  • मुख्य उदाहरण (2025 तक सक्रिय):
    • स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर (Health and Education Cess): 4% – आयकर पर लगता है, शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं के लिए।
    • अन्य प्रमुख उपकर: रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर उपकर (ईंधन पर), स्वच्छ भारत उपकर (कुछ सेवाओं पर), कृषि अवसंरचना उपकर आदि।
  • जीएसटी में कई पुराने उपकर समाहित हो चुके हैं, लेकिन कुछ विशेष उपकर अभी भी लागू हैं।

अधिभार (Surcharge) 

  • अधिभार मुख्य रूप से उच्च आय वालों पर लगाया जाता है ताकि अमीर वर्ग अधिक योगदान दे।
  • वित्त वर्ष 2025-26 (आकलन वर्ष 2026-27) के लिए दरें (व्यक्तियों/HUF/AOP आदि के लिए):
    • आय 50 लाख से 1 करोड़: 10%
    • आय 1 करोड़ से 2 करोड़: 15%
    • आय 2 करोड़ से 5 करोड़: 25%
  • आय 5 करोड़ से ऊपर: 25% (नई कर व्यवस्था में) या 37% (पुरानी व्यवस्था में, लेकिन कैपिटल गेन आदि पर कैपिंग)
  • कंपनियों के लिए: आय स्तर पर 7% या 12%।

नोट: कैपिटल गेन (STT वाली शेयर आदि) पर अधिभार अधिकतम 15% तक सीमित।

उदाहरण (आयकर में)

मान लीजिए किसी की कर योग्य आय 60 लाख है (नई व्यवस्था में):

  • मुख्य आयकर: लगभग 12-13 लाख (स्लैब अनुसार)।
  • अधिभार: 10% (क्योंकि 50 लाख से ऊपर)।
  • उपकर: 4% (कर + अधिभार पर)। कुल प्रभावी कर बोझ बढ़ जाता है।

मुख्य अंतर (उपकर vs अधिभार)

पैरामीटर

उपकर (Cess)

अधिभार (Surcharge)

उद्देश्य

किसी विशिष्ट क्षेत्र या कार्य के लिए (जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता)

कोई विशिष्ट उद्देश्य नहीं; सामान्य राजस्व बढ़ाने के लिए

उपयोग

केवल निर्धारित उद्देश्य पर ही खर्च किया जा सकता है

सरकार किसी भी कार्य पर खर्च कर सकती है

लागू होने वाले

सभी करदाताओं पर (आय की कोई सीमा नहीं)

मुख्यतः उच्च आय वाले व्यक्तियों/कंपनियों पर (आय की निश्चित सीमा से ऊपर)

स्थायित्व

आमतौर पर अस्थायी (उद्देश्य पूरा होने पर समाप्त)

स्थायी प्रकृति का

गणना

कर + अधिभार (यदि लागू) के ऊपर लगता है

मुख्य कर पर लगता है

वर्तमान दर (2025)

स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर: 4%

आय स्तर के अनुसार 10% से 37% तक (व्यक्तियों के लिए)

भारत में कर राजस्व की स्थिति -2025 

  • वित्त वर्ष 2024-25 में नेट प्रत्यक्ष कर संग्रह लगभग 21-22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा।
  • सकल कर राजस्व (Gross Tax Revenue) वित्त वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान में लगभग 42-43 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
  • कर राजस्व जीडीपी का लगभग 11-12% हिस्सा बनता है, जो आर्थिक औपचारिकता और अनुपालन में सुधार से बढ़ रहा है।
  • मुख्य स्रोत: कॉर्पोरेट टैक्स, व्यक्तिगत आयकर और GST।
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