| (प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) |
चर्चा में क्यों
महाराष्ट्र स्टारलिंक कंपनी के साथ समझौता करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जिसके तहत राज्य के सरकारी संस्थानों और ग्रामीण इलाकों में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
क्या है स्टारलिंक परियोजना
- स्टारलिंक एक उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड सेवा है, जिसे एलन मस्क की कंपनी SpaceX संचालित करती है।
- यह सेवा पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में स्थापित उपग्रहों के नेटवर्क के माध्यम से दुनिया भर में तेज और विश्वसनीय इंटरनेट प्रदान करती है।
स्टारलिंक तकनीक कार्यप्रणाली
- पारंपरिक उपग्रह जहाँ लगभग 35,786 किलोमीटर की ऊँचाई पर घूमते हैं, वहीं स्टारलिंक के उपग्रह केवल 550 किलोमीटर की ऊँचाई पर कार्य करते हैं।
- इससे डेटा ट्रांसमिशन की देरी (Latency) बहुत कम हो जाती है, लगभग 25 मिलीसेकंड तक।
- ये उपग्रह आपस में ऑप्टिकल इंटर-सैटेलाइट लिंक (Optical ISLs) के माध्यम से जुड़ते हैं, जिससे इंटरनेट सिग्नल को स्थानीय ग्राउंड स्टेशन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
- इस तकनीक से रियल टाइम वीडियो कॉलिंग, गेमिंग और लाइव स्ट्रीमिंग जैसी सेवाएं ग्रामीण इलाकों में भी संभव होंगी।
मुख्य विशेषताएँ
- वैश्विक कवरेज : हजारों LEO उपग्रहों का नेटवर्क दुनिया के लगभग हर कोने में इंटरनेट पहुंचाता है।
- तेज़ और कम लेटेंसी सेवा : उच्च गति और कम विलंबता वाली कनेक्टिविटी से डेटा-गहन एप्लिकेशन सुचारु रूप से चलते हैं।
- ए.आई.-आधारित सुरक्षा : उपग्रह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से टकराव और अंतरिक्ष मलबे से बचते हैं।
- कॉम्पैक्ट डिज़ाइन : फ्लैट-पैनल उपग्रहों को फाल्कन-9 रॉकेट से आसानी से लॉन्च किया जा सकता है।
- ग्रामीण कनेक्टिविटी पर ध्यान : उन क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई तकनीक जहाँ फाइबर या मोबाइल नेटवर्क पहुँचाना कठिन है।
महाराष्ट्र - स्टारलिंक समझौता : डिजिटल समावेशन
- यह एक व्यापक "सेवा समझौता" नहीं है, बल्कि सरकार और स्टारलिंक के बीच भविष्य में सहयोग के लिए एक आशय पत्र है, जिसमें विशिष्ट तैनाती की योजनाएं और शर्तें बाद में तय की जाएंगी।
- स्टारलिंक सेवाओं का व्यावसायिक लॉन्च भारत में वर्ष 2026 की शुरुआत में होने की उम्मीद है, क्योंकि कंपनी अभी भी आवश्यक नियामक मंजूरियां हासिल कर रही है और ज़मीनी बुनियादी ढाँचा स्थापित कर रही है।
उद्देश्य
- इस पहल का मुख्य लक्ष्य महाराष्ट्र के दूरस्थ और ग्रामीण इलाकों में स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों, और सरकारी संस्थानों को तेज, भरोसेमंद इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ना है।
- इससे ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन (दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं) और ई-गवर्नेंस जैसी सेवाएं अधिक सुलभ होंगी।
महत्व
- महाराष्ट्र की यह पहल देशभर में डिजिटल समावेशन (Digital Inclusion) की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- यह साझेदारी न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाएगी, बल्कि डिजिटल इंडिया मिशन और विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों को भी गति देगी।
- इससे ग्रामीण इलाकों में डिजिटल अवसरों का विस्तार होगा और सामाजिक-आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी।