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कम मीथेन उत्सर्जित करने वाले मवेशी

प्रारम्भिक परीक्षा –पर्यावरण और जैव-विविधता 
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र -3

सन्दर्भ

  • कनाडाई डेयरी किसान बेन लोविथ ने कम मीथेन आनुवंशिक गुण वाले बैल वीर्य के साथ 107 गायों और बछड़ियों को कृत्रिम रूप से गर्भाधान करना शुरू किया है। 
  • इससे कम मीथेन उत्सर्जन मवेशियों का जन्म होगा। जिससे ग्रीन हॉउस गैसों का उत्सर्जन कम होगा तथा ग्लोबल वार्मिंग में कमी आएगी। 
  • लोविथ के अनुसार, "कम मीथेन उत्सर्जन के लिए चयनात्मक प्रजनन एक आसान तरीका है।"

Cattle

मुख्य बिन्दु 

  • वैज्ञानिकों और पशु उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि कम मीथेन उत्सर्जित करने वाले डेयरी मवेशियों के उत्पादन के लिए व्यावसायिक रूप से उपलब्ध आनुवंशिकी के आगमन से शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • वीर्य बेचने वाली जेनेटिक्स कंपनी सेमेक्स ने कहा कि इससे मीथेन उत्सर्जन को सालाना 1.5% और 2050 तक 20% -30% तक कम किया जा सकता है।
  • कंपनी ने इस वसंत में 80 देशों में मीथेन गुण वाले वीर्य का विपणन शुरू किया।

पृथ्वी के वायुमंडल में पाई जावे वाली प्रमुख ग्रीनहाउस गैसें हैं-

green-house-gases

  • जल वाष्प, कार्बन डाइ ऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड तथा क्लोरोफ्लोरो कार्बन इत्यादि हैं। 
  • कार्बन डाइऑक्साइड गैस ग्लोबल वार्मिंग के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है क्योंकि वायुमंडल में इसकी सांद्रता अन्य ग्रीनहाउस गैसों की तुलना में बहुत अधिक है। 
  • ध्यातव्य है कि पिछले कुछ दशकों से वातावरण में CO2 की सांद्रता में लगातार वृध्दि हो रही है।
  • शुरुआत में ये बिक्री ब्रिटेन के एक फार्म और अमेरिका तथा स्लोवाकिया के डेयरी में किया जायेगा।
  • दुनिया के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में पशुधन का हिस्सा 14.5% है। कार्बन डाइऑक्साइड के बाद मीथेन दूसरी सबसे बड़ी ग्रीनहाउस गैस है।
  • मिटलोहेनर के अनुसार, किसान मीथेन उत्पादन को कम करने के लिए मवेशियों को योजक खिलाते हैं, लेकिन जब मवेशी उन्हें खाना बंद कर देते हैं तो उनका प्रभाव खत्म हो जाता है।
  • वैज्ञानिकों ने मीथेन की मात्रा मापने के लिए मवेशियों की सांसों को रिकॉर्ड किया और फिर आनुवंशिक जानकारी और दूध के नमूनों के साथ डेटा की तुलना की।

गायों का ग्लोबल वार्मिंग में योग्दान

  • गायों कि डकार से निकालने वाली मीथेन गैस एक ग्रीनहाउस गैस है जिसके कारण पृथ्वी पर लगातार तापमान बढ़ता जा रहा है। 
  • एक गाय की डकार से जीतनी मीथेन गैस साल भर में निकलती है, उतनी ही एक कार से एक साल में कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है। 
  • मीथेन गैस कार्बन डाइऑक्साइड से 25 गुना ज्यादा हानि कारक गैस है।

गायों को डकार क्यों आती है?

  • डकार सभी पशु-पक्षियों में आते रहते हैं। जब हम खाना खाते हैं, तो हमारी आंतों में खाना पचाने वाले बैक्टीरिया अपना काम करने लगते हैं। 
  • मुश्किल से पच सकने वाले चारे के हिस्से को तोड़कर ये बैक्टीरिया विटामिन्स के अलग-अलग रूपों में बदलते रहते हैं। 
  • इस दौरान जो गैस बहार निकलती है उसे मीथेन गैस कहा जाता है। जो डकार के रूप में शरीर से बाहर आती हैं।
  • यूनाइटेड स्टेट्स इनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी के अनुसार मीथेन में कार्बन डाइऑक्साइड से लगभग 25 गुना ज्यादा गर्मी होती है। ये सीधे-सीधे ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने का काम करती है। 

क्या गाय अकेली मीथेन गैस छोड़ती है?

  • नहीं, छोटे दीमक से लेकर बड़े पशु तक खाना पचाने की प्रक्रिया में मीथेन गैस निकालते हैं, लेकिन गायें इनमें सबसे ऊपर हैं। 

नासा की रिपोर्ट के मुताबिक एक गाय के डकारने पर पूरे सालभर में 80 से 120 किलो तक मीथेन उत्सर्जित होती है।

  • गाय चारे को तुरंत नहीं पचा पातीं, बल्कि उसे अपने पेट के बाईं तरफ आंत में रख लेती हैं। इसी दौरान बैक्टीरिया चारे का फर्मेंटेशन करते हैं। 
  • जिससे दो काम होते हैं, एक गाय का खाना पच जाता है, और दूसरा, बैक्टीरिया को जीने के लिए खुराक मिल जाती है। 
  • लेकिन इसी समय खतरनाक मीथेन गैस भी निकलती है जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है। 

इस पर काबू के लिए कई देश अपनी-अपनी तरह से समाधान सोचने लगे हैं

टैक्स लगाना  

  • न्यूजीलैंड ने वर्ष 2022 में ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के उद्देश्य से गाय समेत देश के करोड़ों मवेशियों की डकार पर टैक्स लगाया है। इसे बर्प टैक्स के नाम से जाना जाता है। 
  • इस टैक्स से आने वाले पैसे का उपयोग खेती के लिए रिसर्च में लगाना, या जरूरतमंद किसानों को मदद करने के लिये किया जायेगा। 
  • न्यूजीलैंड का ऐसा करने का मकसद साल 2030 तक मीथेन उत्सर्जन में कमी करना है।

दूसरे उपाय 

  • अब कई देश ये देख रहे हैं कि क्या खिलाने पर गायों की डकार ज्यादा पर्यावरण-फ्रेंडली हो सके। 
  • माना जा रहा है कि रेशेदार चारे का कम इस्तेमाल खाने को आसानी से पचने देगा और मीथेन भी कम निकलेगी। 
  • प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की स्टडी के अनुसार, गायों में मीथेन गैस कम बने, इसके लिए कई तरह के इंजेक्शन भी दिए जा सकते हैं, जैसे 3- नाइट्रो ऑक्सीप्रोपेनल और आयोनोफोर्स। हालांकि यूरोपियन यूनियन इनके उपयोग से साफ मना कर चुका।

चारे में बदलाव की बात

  • कुछ का दावा है कि प्रोबायोटिक खिलाने पर भी गायों से मीथेन गैस कम निकलेगी।

दवाओं से हानि

  • फिलहाल ये सारे दावे शुरुआती स्टेज में हैं और हर देश समेत हर मवेशी इंडस्ट्री अपना अलग तरीका खोज रही है।
  • पशु-प्रेमियों समेत कई वैज्ञानिक ये भी कह रहे हैं कि सबकी आंतों में अच्छी बैक्टीरिया होते हैं, जिनका काम ही खाना पचाना है। ऐसे में अगर कुदरती तौर पर पाए जाने वाले  बैक्टीरिया को कम करने के लिए वैक्सीन, दवा या अलग तरह का खाना दिया जाएगा तो बड़े नुकसान भी हो सकते हैं।

मीथेन गैस उत्सर्जन में क्या इंसानों की कोई गलती नहीं ? 

  • गायों की डकार पर इतना शोरगुल करने वाले इंसानों का मीथेन गैस उत्सर्जन सबसे ज्यादा है।
  • यूनाइटेड नेशन्स इकनॉमिक कमीशन फॉर यूरोप के डेटा के अनुसार विश्व की 60% मीथेन गैस उत्पादन मनुष्य के द्वारा किया जाता है। 
  • हर साल लगभग 380 मिलियन मिट्रिक टन मीथेन मनुष्य के द्वारा उत्सर्जित हो रही है। 
  • जिसमें एनर्जी सेक्टर, लैंडफिल, फॉसिल फ्यूल इत्यादि का योगदान हैं। 
  • हालांकि एग्रीकल्चर, जिसमें पशुपालन भी शामिल है, को भी मीथेन की बड़ी वजह माना जा रहा है।

प्रारंभिक परीक्षा 

प्रश्न : ग्लोबल वार्मिंग के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार गैस कौन-सी है?

(a) कार्बन डाइऑक्साइड गैस

(b) जल वाष्प 

(c) मीथेन 

(d) क्लोरोफ्लोरो कार्बन

उत्तर :  (a)

मुख्य परीक्षा

प्रश्न : जलवायु परिवर्तन के लिये जिम्मेदार गैसों का वर्णन कीजिए तथा जलवायु परिवर्तन को कम करने वाले उपायों पर चर्चा कीजिए ? 

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