New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Festive Month Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 30th Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Festive Month Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 30th Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

बाल भिक्षावृत्ति तथा सुरक्षा संबंधी उपाय

(मुख्य परीक्षा, समान्य अध्ययन प्रश्नपत्र : 1, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय)

संदर्भ

हाल ही में, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने भारत में बाल-भिक्षावृत्ति को रोके जाने से जुड़े प्रयासों के बारे में लोकसभा को सूचित किया।

बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम संबंधी विधिक प्रावधान

  • किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (जे.जे. एक्ट) भारत में बच्चों एवं किशोरों से जुड़ा प्रमुख कानून है।
  • किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 2 (14) (ii) के अनुसार, यदि कोई बालक / किशोर बालश्रम कानूनों का उल्लंघन करते या भीख माँगते पाया जाता है, तोउसे ‘देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों’ की श्रेणी में शामिल किया जाता है।
  • इस अधिनियम की धारा 76 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी बालक / किशोर को भिक्षावृत्ति जैसे कार्यों में संलग्नकरता है तोइसकी सज़ा के रूप में 5 साल तक की कैद तथा 1 लाख रूपएके आर्थिक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
  • अधिनियम के निष्पादन की प्राथमिक ज़िम्मेदारी राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों की है। यह अधिनियम संस्थागत और गैर-संस्थागत उपायों के साथ सेवा वितरण संरचनाओं का एक सुरक्षा जाल प्रदान करता हैताकि संकट की स्थिति में बच्चों का उचित संरक्षण सुनिश्चित की जा सके।
  • यह अधिनियम संस्थागत तथा गैर-संस्थागत संरक्षण उपायों के साथ संकट की स्थिति में बाल अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिये सेवा वितरण संरचनाओं का एक व्यापक सुरक्षात्मक तंत्र प्रदान करता है।

संरक्षण उपाय

  • सरकार द्वारा बाल भिक्षुक, निराश्रित तथा कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाले बच्चों के संरक्षण के लिये ‘समेकित बाल विकास सेवा योजना (अम्ब्रेला योजना)’के तहतकेंद्र प्रायोजित योजना के रूप में बाल संरक्षण सेवा जैसी योजनाओं की शुरुआत की गई।
  • इस योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों (CCIs) के माध्यम से पुनर्वास उपाय के रूप में बच्चों को संस्थागत देखभाल की सुविधा प्रदान की जाती है।
  • इस संस्थान के कार्यों में आयु-उपयुक्त शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण तक पहुँच, मनोरंजन, स्वास्थ्य देखभाल, काउंसलिंग आदि कार्यक्रम और गतिविधियाँशामिल हैं।
  • इस योजना में संकट की स्थिति में बच्चों के लिये 24x7 आपातकालीन आउटरीच / हेल्पलाइन सेवा का उपबंध भी किया गया है। पूरे भारत में यह सेवा टॉल फ्री नंबर, 1098 के माध्यम से संचालित की जाती है।

बाल पुनर्वास हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने वर्तमान में 10 शहरों में भिक्षावृत्ति में संलग्न व्यक्तियों/किशोरों के व्यवस्थित पुनर्वास के लिये एक पायलट परियोजना शुरू की है। इसमें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, हैदराबाद, बैंगलोर, लखनऊ, पटना, नागपुर तथा इंदौर शामिल हैं।
  • इस परियोजना के तहत भिक्षावृत्ति में संलग्न व्यक्तियों के बच्चों तथा स्वयं भीख माँगने वाले बच्चों की शिक्षा से संबंधित प्रयोजन शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य भिक्षावृत्तिमें संलग्न बच्चों की पहचान कर उनका पुनर्वास तथा काउंसलिंगके माध्यम से कौशल विकास करना है।

अन्य तथ्य

  • शिक्षाप्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, किंतु आज भी देश के समाजिक, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों तक शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित नहीं की जा सकी है।
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार देश में प्रत्येक वर्ष लगभग 48 हज़ार बच्चे लापता होते हैं, इनमें से अधिकांश बच्चों को अपराध या भिक्षावृत्ति के दलदल में धकेल दिया जाता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X