अन्न-चक्र के माध्यम से आपूर्ति श्रृंखला का डिजिटलीकरण
चर्चा में क्यों ?
भारत सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को अधिक कुशल, पारदर्शी और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए ‘अन्न-चक्र’ सप्लाई चेन ऑप्टिमाइज़ेशन टूल विकसित किया है।
यह पहल खाद्य आपूर्ति की गति, लागत और सटीकता को बढ़ाने के साथ-साथ भारत के जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों में योगदान देने वाली तकनीकी क्रांति का प्रतीक है।
अन्न-चक्र क्या है ?
अन्न-चक्र एक सप्लाई चेन ऑप्टिमाइज़ेशन टूल है, जिसे PDS के तहत लागू किया गया है।
इसे विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP), IIT-दिल्ली के FITT (Foundation for Innovation and Technology Transfer) और खाद्य सार्वजनिक वितरण विभाग के सहयोग से विकसित किया गया है।
यह टूल उन्नत एल्गोरिद्म का उपयोग करके पूरे देश में खाद्यान्न के निर्बाध और किफायती वितरण को सुनिश्चित करता है।
कार्यप्रणाली और कवरेज
अब तक यह टूल 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू किया जा चुका है, केवल मणिपुर इसमें शेष है।
इसका नेटवर्क लगभग 4.37 लाख उचित मूल्य की दुकानों (FPS) और 6700 गोदामों तक फैला हुआ है।
अन्न-चक्र’ रेलवे के FOIS (Freight Operations Information System) पोर्टल के साथ ULIP (Unified Logistics Interface Platform) के माध्यम से एकीकृत है।
इसे PM गति शक्ति प्लेटफॉर्म से भी जोड़ा गया है, जिससे FPS और गोदामों की जियो-लोकेशन डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।
मुख्य लाभ
लॉजिस्टिक लागत में कमी: ट्रांसपोर्टेशन दूरी और समय घटने से हर साल लगभग ₹250 करोड़ की बचत होती है।
पर्यावरणीय लाभ: ईंधन की खपत कम होने से कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है।
तेज और सटीक वितरण:खाद्यान्न वितरण में गति और सटीकता दोनों में सुधार हुआ है।
पारदर्शिता और कुशलता: जटिल आपूर्ति श्रृंखला में जुड़े विभिन्न हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय और निगरानी संभव हुई है।
तथ्य और आंकड़े
यह टूल भारत की 81 करोड़ आबादी को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य वितरण प्रणाली का हिस्सा है।
यह PM Gati Shakti और ULIP जैसे राष्ट्रीय प्लेटफार्मों से एकीकृत है।
प्रश्न. भारत सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को अधिक कुशल, पारदर्शी और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए कौन सा टूल विकसित किया है ?