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DRDO और वायुसेना ने किया 'अस्त्र' मिसाइल का सफल परीक्षण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ओडिशा तट के समीप बंगाल की खाड़ी में DRDO और भारतीय वायुसेना ने मिलकर भारत की स्वदेशी बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) ‘अस्त्र’ का सफल परीक्षण किया गया।

Astra-missileअस्त्र मिसाइल:  

  • इसका नाम अस्त्र रखा गया है।
  • यह बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है।
  • इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)ने विकसित किया है।
  • ये लगभग 100 से 110 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
  • इसमें मार्गदर्शन प्रणाली स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर लगा है।
  • इसको प्लेटफॉर्म सुखोई-30MKI, मिराज-2000, तेजस से लॉन्च किया गया।

रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर की भूमिका

  • यह सीकर मिसाइल को लक्ष्य की दिशा में निर्देशित करता है।
  • यह उड़ान के दौरान लक्ष्य की स्थिति पर नज़र रखता है और उसे लॉक करता है।
  • इस तकनीक का स्वदेशी विकास मेक इन इंडिया के तहत हुआ है।

भारत के पास प्रमुख एयर-टू-एयर मिसाइलें :

  • अस्त्र: स्वदेशी लंबी दूरी की मिसाइल (100-110 किमी)।
  • R-73: रूसी शॉर्ट रेंज मिसाइल (करीब 30 किमी)।
  • R-77: रूसी लंबी दूरी की मिसाइल (80-100 किमी)।
  • MICA: फ्रांसीसी मिसाइल, मिराज-2000 में इस्तेमाल होती है।
  • Python-5: इजरायली शॉर्ट रेंज मिसाइल, तेजस पर लगाई जाती है।

रणनीतिक महत्व

  • आत्मनिर्भर भारत:
    • यह परीक्षण भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत कदम है।
    • इससे विदेशी मिसाइल प्रणालियों पर भारत की निर्भरता घटेगी।
  • रणनीतिक क्षमता में वृद्धि:
    • अस्त्र मिसाइल की तैनाती से भारतीय वायुसेना की दूर-दराज हवाई लड़ाई में मारक क्षमता बढ़ेगी।
  • मूल्य संवेदनशीलता:
    • स्वदेशी उत्पादन होने के कारण इसकी लागत विदेशी विकल्पों की तुलना में कम होगी।

आगामी दिशा

  • मिसाइल को भारतीय वायुसेना के बेड़े में नियमित रूप से शामिल करने से पहले इसके और परीक्षण किए जाएंगे।
  • भविष्य में इस तकनीक का उपयोग तेजस और अन्य स्वदेशी विमानों पर भी किया जाएगा।

प्रश्न. हाल ही में DRDO और भारतीय वायुसेना ने किस स्वदेशी एयर-टू-एयर मिसाइल का सफल परीक्षण किया?

(a) त्रिशूल

(b) अग्नि-5

(c) अस्त्र

(d) नाग

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