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दिल्ली में टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना 

प्रारंभिक परीक्षा – टिश्यू कल्चर लैब
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

चर्चा में क्यों

वन और वन्यजीव विभाग दिल्ली के संकटग्रस्त या दुर्लभ देशी प्रजाति के वृक्षों की सैंपलिंग के लिए टिश्यू कल्चर लैब स्थापित कर रहा है।

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प्रमुख बिंदु 

  • यह टिश्यू कल्चर लैब असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य में स्थापित की जाएगी।
  • इसका उद्देश्य नियंत्रित वातावरण में लुप्तप्राय दिल्ली के पेड़ों को उगाने में मदद करना और ऐसे पौधों को पुनर्जीवित करना है जिनके बीज बड़ी मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं।
  • यह विशेष रूप से अधिकांश मूल अरावली या रिज प्रजातियों को लक्षित करेगा जो पुनर्जनन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
  • वनों विभाग ने लगभग 10 ऐसी प्रजातियों की पहचान की है जिसमें हिंगोट, खैर, बिस्टेंदु, सिरिस, पलाश, चामरोड़, दूधी, धौ, देसी बबूल और कुल्लू हैं।
  • इसके लिए वन विभाग भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (ICFRE) और वन अनुसंधान संस्थान के वनस्पति विज्ञानियों और वैज्ञानिकों से सहायता लेने की योजना बना रहा है।
    • ये दोनों उत्तराखंड के देहरादून में हैं।

प्लांट टिश्यू कल्चर (पादप ऊतक संवर्धन):

  • यह कीटाणु-रहित वातावरण और अनुकूल नियंत्रित भौतिक परिवेश में सिंथेटिक मीडिया (साधन) के उपयोग से अविभेदित पादप कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों को उपजाने की एक विधि है।
  • ऊतक संवर्धन के तहत पादपों के एक्सप्लांट के छोटे हिस्सों को कीटाणु रहित वातावरण में पोषक तत्वों के उपयोग से संवर्धित किया जाता है।
  • यह प्रक्रिया पादप कोशिकाओं की टोटिपोटेसी विशेषता का उपयोग करती है।
    • टोटिपोटेंसी पादप कोशिका की किसी भी प्रकार की विशेष कोशिका में विभाजित और विभेदित होने की क्षमता होती है।

 प्लांट टिश्यू कल्चर के प्रकार:

  • ऑर्गन कल्चरः इसके लिए पादप के किसी भी भाग (जड़, तना, पत्ती और फूल) का इस्तेमाल संवर्धन उद्देश्य के लिए एक एक्सप्लांट (पादप से प्राप्त) के रूप में किया जाता है।
  • सीड कल्चरःइसके तहत एक्सप्लांट उन पादपों से प्राप्त किए जाते हैं, जो पहले से ही इन विट्रो स्थितियों में संवर्धित और उगाए गए हैं।
  • एम्ब्रयो कल्चरः इसके अंतर्गत भ्रूण को पृथक करके इन विट्रो स्थितियों में संवर्धित किया जाता है।

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 प्लांट टिश्यू कल्चर के अनुप्रयोग:

  • रोग-मुक्त पादप विकसित करने में
  • पादपों को तेजी से वृद्धि में
  • कृत्रिम बीजों का बड़े स्तर पर निर्माण करने में
  • पौधों की श्वसन एवं चयापचय का अध्ययन करने में 
  • पौधों में अंगों के कार्यों के मूल्यांकन के लिए
  • विभिन्न पौधों की बीमारियों का अध्ययन करना और उन्मूलन
  • फसलों में सुधार के लिए अगुणित (गुणसूत्रों के एक सेट के साथ) का उत्पादन।

 प्लांट टिश्यू कल्चर के समक्ष मुख्य चुनौतियां:

  • इसके लिए देश में पर्याप्त अवसंरचना का अभाव है।
  • इस कार्य के लिए कुशल लोगों की कमी है।
  • जैव-प्रौद्योगिकी सिद्धांतों के बारे में वैज्ञानिक ज्ञान का अभाव है।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. वन और वन्यजीव विभाग दिल्ली के संकटग्रस्त या दुर्लभ देशी प्रजाति के वृक्षों की सैंपलिंग के लिए टिश्यू कल्चर लैब स्थापित कर रहा है।
  2. यह लैब असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य में स्थापित की जाएगी।
  3. ऊतक संवर्धन के तहत पादपों के एक्सप्लांट के छोटे हिस्सों को कीटाणु रहित वातावरण में पोषक तत्वों के उपयोग से संवर्धित किया जाता है।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

 (a) केवल एक 

(b) केवल दो 

 (c) सभी तीनों 

(d)  कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्लांट टिश्यू कल्चर क्या है? इसके प्रमुख अनुप्रयोगों को स्पष्ट कीजिए।

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

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