New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

निर्यात तैयारी सूचकांक 2021

चर्चा में क्यों

हाल ही में, नीति आयोग ने निर्यात तैयारी सूचकांक (EPI), 2021 का द्वितीय संस्करण जारी किया।

प्रमुख बिंदु

  • यह सूचकांक नीति आयोग तथा प्रतिस्पर्धा संस्थान (इंस्टिट्यूट ऑफ कॉम्पेटिटिवनेस) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया जाता है। इसमें भारत की निर्यात उपलब्धियों का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। 
  • सूचकांक का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों की तुलना में अपने प्रदर्शन का आकलन करने और उप-राष्ट्रीय स्तर पर निर्यात-आधारित विकास को बढ़ावा देने के साथ बेहतर नीति विकसित करना है।
  • निर्यात तैयारी सूचकांक, उप-राष्ट्रीय निर्यात संवर्धन के लिये महत्त्वपूर्ण तथा मूलभूत क्षेत्रों की पहचान करने के लिये एक डाटा-संचालित प्रयास है।
  • ई.पी.आई. में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निम्न प्रमुख बिंदुओं के आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है:
    • 4 मुख्य स्तंभ- नीति, व्यापार इकोसिस्टम, निर्यात इकोसिस्टम, निर्यात प्रदर्शन।
    • 11 उप-स्तंभ- निर्यात प्रोत्साहन नीति, संस्थागत ढाँचा, व्यापार वातावरण, आधारभूत संरचना, परिवहन संपर्क, पूंजी तक पहुँच, निर्यात आधारभूत संरचना, व्यापार समर्थन, अनुसंधान एवं विकास आधारभूत संरचना, निर्यात विविधीकरण और विकास केंद्रित दृष्टिकोण।

रिपोर्ट के निष्कर्ष

  • निर्यात तैयारियों के मामले में भारत के तटीय राज्यों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसमें गुजरात को लगातार दूसरे वर्ष शीर्ष राज्य घोषित किया गया है, तत्पश्चात्  क्रमशः महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु का स्थान है।
  • सूचकांक भारत के निर्यात प्रोत्साहन प्रयासों के लिये तीन प्रमुख चुनौतियों की पहचान की है:
  1. निर्यात आधारभूत संरचना में क्षेत्र-विशेष और अंतर-क्षेत्रीय असमानताएँ।
  2. राज्यों में कमज़ोर व्यापार समर्थन एवं विकास उन्मुख दृष्टिकोण। 
  3. जटिल और विशिष्ट निर्यात को बढ़ावा देने के लिये अनुसंधान एवं विकास की आधारभूत संरचना का अभाव।

आवश्यकता

ई.पी.आई. का प्राथमिक लक्ष्य सभी भारतीय राज्यों (‘तटीय’, ‘गैर-तटीय राज्य’, ‘हिमालयी’, और ‘केंद्र शासित/नगर-राज्य’) के बीच प्रतिस्पर्धा पैदा करना है, जिसके फलस्वरूप निर्यात-संवर्धन के लिये नियामक ढाँचे को आसान बनाया जा सके तथा इसके लिये आवश्यक अवसंरचना तैयार की जा सके।  

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X