New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

गंगा नदी अपवाह तंत्र : उत्पत्ति, प्रवाह और सहायक नदियाँ

  • गंगा नदी प्रणाली भारत की सबसे विशाल और पवित्र नदी प्रणालियों में से एक है। 
  • यह न केवल भौगोलिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और पारिस्थितिकीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • यह प्रणाली उत्तरी भारत के विशाल मैदानों को सींचती है और लाखों लोगों की कृषि, जलापूर्ति और आजीविका का आधार है।

गंगा नदी की उत्पत्ति और नामकरण

  • गंगोत्री ग्लेशियर (गौमुख, उत्तराखंड) से निकलने वाली भागीरथी नदी को गंगा की मूल धारा माना जाता है।
  • अलकनंदा, जो कई सहायक नदियों (पिंडर, मंदाकिनी, धौलीगंगा आदि) को अपने साथ लाती है, देवप्रयाग में भागीरथी से मिलती है।
  • यहीं से इसे आधिकारिक रूप से "गंगा" कहा जाता है।
  • कुल लंबाई 2525 किलोमीटर 

गंगा नदी का प्रवाह मार्ग

गंगा नदी हिमालय से निकलकर निम्नलिखित राज्यों से होकर बहती है:

राज्य

प्रमुख शहर / स्थान

उत्तराखंड

गंगोत्री, टिहरी, ऋषिकेश, हरिद्वार

उत्तर प्रदेश

कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी

बिहार

पटना, बक्सर, भागलपुर

झारखंड

साहिबगंज, राजमहल

पश्चिम बंगाल

फरक्का, मुर्शिदाबाद, कोलकाता

पश्चिम बंगाल से यह बांग्लादेश में प्रवेश कर "पद्मा" कहलाती है और फिर ब्रह्मपुत्र व मेघना से मिलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

प्रमुख सहायक नदियाँ

  • गंगा को अनेक सहायक नदियाँ पोषण देती हैं, जिन्हें दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

उत्तर (हिमालय) से आने वाली सहायक नदियाँ:

  • यमुना (प्रयागराज में संगम)
  • घाघरा
  • गंडक
  • कोसी
  • रामगंगा
  • अलकनंदा
  • मंदाकिनी

दक्षिण (पठार क्षेत्र) से मिलने वाली सहायक नदियाँ:

  • सोन
  • चंबल
  • बेतवा
  • केन
  • टोंस

इन सहायक नदियों से गंगा का प्रवाह क्षेत्र विस्तृत होता है और यह अधिक जल वहन करने में सक्षम बनती है।

प्रमुख बैराज और जल नियंत्रण संरचनाएँ

बैराज

स्थान

उद्देश्य

हरिद्वार बैराज

उत्तराखंड

ऊपरी गंगा नहर को जल आपूर्ति

बिजनौर बैराज

उत्तर प्रदेश

मध्य गंगा नहर में जल प्रवाह

नरोरा बैराज

यूपी

निचली गंगा नहर के लिए जल

फरक्का बैराज

पश्चिम बंगाल

कोलकाता बंदरगाह हेतु हुगली नदी में जल प्रवाह बनाए रखना

फरक्का बैराज से गंगा दो शाखाओं में विभाजित होती है:

  • भागीरथी/हुगली (भारत में प्रवाहित)
  • पद्मा (बांग्लादेश में प्रवेश)

गंगा नदी प्रणाली का जलग्रहण क्षेत्र

  • कुल जलग्रहण क्षेत्र: 8.6 लाख वर्ग किमी
  • यह क्षेत्र भारत के लगभग 26.4% भूभाग को कवर करता है।
  • इसमें भारत की लगभग 43% आबादी निवास करती है।
  • भारत के सतही जल का 1/3 और कुल जल उपयोग का 50% से अधिक इसी प्रणाली पर निर्भर है।

सहायक नदियाँ: 

गंगा नदी प्रणाली में कई सहायक नदियाँ शामिल हैं, जो इसके जल प्रवाह और पारिस्थितिकी तंत्र को समृद्ध करती हैं। इनमें से प्रमुख नदियाँ निम्नलिखित हैं:

1. यमुना

  • उद्गम: यमुनोत्री ग्लेशियर, उत्तराखंड।
  • संगम: प्रयागराज (इलाहाबाद) में गंगा से मिलती है।
  • विशेषता: गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी, जो दिल्ली, आगरा और मथुरा जैसे शहरों से होकर बहती है।

2. रामगंगा

  • उद्गम: चमोली जिला, उत्तराखंड की दूधातोली पहाड़ी।
  • संगम: कन्नौज के पास गंगा में।
  • विशेषता: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से होकर बहती है और कालागढ़ में बांध बनाया गया है।

3. गोमती

  • उद्गम: पीलीभीत, उत्तर प्रदेश में गोमत ताल।
  • संगम: गाजीपुर में गंगा से।
  • विशेषता: लखनऊ और जौनपुर जैसे शहर इसके किनारे बसे हैं।

4. घाघरा (करनाली)

  • उद्गम: मापचाचुंगो ग्लेशियर, तिब्बती पठार।
  • संगम: छपरा, बिहार में गंगा से।
  • विशेषता: शारदा और सरयू इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।

5. गंडक (नारायणी)

  • उद्गम: नेपाल के महान हिमालयी क्षेत्र।
  • संगम: सोनपुर, पटना में गंगा से।
  • विशेषता: V-आकार की घाटियों और बाढ़-प्रवण क्षेत्रों से होकर बहती है।

6. कोसी (सप्तकोशी)

  • उद्गम: नेपाल हिमालय, माउंट एवरेस्ट और कंचनजंगा क्षेत्र।
  • संगम: कुरसेला, बिहार में गंगा से।
  • विशेषता: मानसून में सिल्ट के कारण इसे “बिहार का शोक” कहा जाता है।

7. सोन

  • उद्गम: अमरकंटक, मध्य प्रदेश।
  • संगम: पटना के ऊपर गंगा से।
  • विशेषता: कैमूर पहाड़ियों के समानांतर बहती है।

8. अलकनंदा

  • उद्गम: सतोपंथ और भागीरथ ग्लेशियर, उत्तराखंड।
  • संगम: देवप्रयाग में भागीरथी के साथ गंगा बनाती है।
  • विशेषता: बद्रीनाथ और तप्त कुंड इसके तट पर हैं।

9. धौलीगंगा

  • उद्गम: वसुंधरा ताल, उत्तराखंड।
  • संगम: विष्णुप्रयाग में अलकनंदा से।
  • विशेषता: तपोवन विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना इसके मार्ग में है।

सांस्कृतिक और पारिस्थितिक महत्व

  • गंगा नदी भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है। 
  • यह लाखों लोगों के लिए पीने का पानी, सिंचाई और आजीविका का स्रोत है। 
  • इसका बेसिन विश्व के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है, जो भारत के सतही जल का एक-तिहाई और जल उपयोग का आधा हिस्सा प्रदान करता है। 
  • गंगा का पारिस्थितिक तंत्र जैव-विविधता से समृद्ध है, लेकिन प्रदूषण और अत्यधिक दोहन इसके लिए चुनौतियाँ हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR