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अरुणाचल प्रदेश में जियोथर्मल ऊर्जा ड्रिलिंग

चर्चा में क्यों?

  • पूर्वोत्तर भारत में पहली बार जियोथर्मल उत्पादन कुएं की सफल ड्रिलिंग दिरांग, पश्चिम कामेंग जिले में की गई है।
  • यह परियोजना हिमालयी क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

प्रमुख तथ्य और विशेषताएँ:

स्थान

दिरांग, पश्चिम कामेंग जिला, अरुणाचल प्रदेश

नेतृत्व संस्था

सेंटर फॉर अर्थ साइंसेज एंड हिमालयन स्टडीज़ (CESHS)

सहयोग

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय + अरुणाचल प्रदेश सरकार

अंतरराष्ट्रीय साझेदार

- नार्वेजियन जियोटेक्निकल इंस्टीट्यूट (NGI), ओस्लो
- जियोट्रॉपी ईएचएफ, आइसलैंड
- गुवाहाटी बोरिंग सर्विस (GBS)

संभावित उपयोग:

  • पर्यावरण-अनुकूल कृषि प्रसंस्करण:
    • फल, मेवा और मांस सुखाने के लिए ऊर्जा समाधान
  • ऊँचाई वाले क्षेत्रों में हीटिंग समाधान:
    • घरों, स्कूलों, और अस्पतालों के लिए
  • भविष्य में जियोथर्मल संचालित नगर अधोसंरचना

परियोजना का महत्व:

  • पूर्वोत्तर भारत में पहला जियोथर्मल उत्पादन कुआं
  • हिमालय क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के स्थानीय और टिकाऊ उपयोग की पहल
  • ऊर्जा आत्मनिर्भरता और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा
  • राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण- जियोथर्मल ऊर्जा की सफलता की दिशा में 

प्रश्न.  हाल ही में किस राज्य में पूर्वोत्तर भारत का पहला जियोथर्मल उत्पादन कुआँ ड्रिल किया गया है?

(a) मेघालय

(b) मणिपुर

(c) नागालैंड

(d) अरुणाचल प्रदेश

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