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33 उत्पादों को जीआई टैग

प्रारंभिक परीक्षा के लिए -, जीआई टैग 
मुख्य परीक्षा के लिए :  सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 1, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 - भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप,  बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषय

संदर्भ 

  • हाल ही में, 33 उत्पादों को भौगोलिक संकेतक(जीआई टैग) प्रदान किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • इन उत्पादों में से उत्तर प्रदेश के 10, तमिलनाडु के 11 , जम्मू और कश्मीर के 8 तथा मध्य प्रदेश, लद्दाख, बिहार एवं छत्तीसगढ़ से प्रत्येक से 1 उत्पाद शामिल है।

उत्तर प्रदेश 

बनारस पान 

रामनगर भंटा (बैंगन)

बनारस लंगड़ा आम 

हाथरस हींग

शजर पत्‍थर क्राफ्ट

आदमचीनी चावल 

मुज्‍जफरनगर का गुड़

अलीगढ़ का ताला 

प्रतापगढ़ का आंवला

बखीरा ब्रासवेयर 

नगीना लकड़ी शिल्प

तमिलनाडु 

 

मनप्पराई मुरुक्कू

कुंबम पैनर अंगूर

मार्तंडम शहद

ऊटी वर्की

मनामदुराई मिट्टी के बर्तन

सलेम साबूदाना

वेत्रिलई

नेगाम सूती साड़ी

माइलडी पत्थर की नक्काशी

मयिलादुथुराई के थिक्कल रतन शिल्प

शोलवंदन वेत्रिलई

लद्दाख

लकड़ी की नक्काशी

बिहार

मर्चा चावल 

छत्तीसगढ़

नागरी दुबराज (चावल)

मध्य प्रदेश

रीवा सुंदरजा आम

 

जम्मू और

कश्मीर

रामबन अनारदाना

बसोहली पेंटिंग

बसोहली पश्मीना ऊनी उत्पाद

चिकरी लकड़ी शिल्प

भद्रवाह राजमा

मुश्क़बुदजी चावल

कलादी

सुलाई शहद

जीआई टैग 

  • जीआई टैग मुख्य रूप से कृषि संबंधी, प्राकृतिक या विनिर्मित्त वस्तुओं के लिए प्रदान किया जाता है, जिनमें अनूठे गुण, ख्याति या इसके भौगोलिक उद्भव के कारण जुड़ी अन्य लक्षणगत विशेषताएं होती है।
  • जीआई टैग एक प्रकार का बौद्धिक संपदा अधिकार(आईपीआर) होता है, जो आईपीआर के अन्य रूपों से भिन्न होता है, क्योंकि यह एक विशेष रूप से निर्धारित स्थान में समुदाय की विशिष्टता को दर्शाता है।
  • वर्ल्‍ड इंटलैक्‍चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन (WIPO) के अनुसार जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी उत्पाद को विशेष भौगोलि‍क पहचान दी जाती है। 
  • जीआई टैग वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री प्रमोशन एंड इंटरनल ट्रेड द्वारा दिया जाता है। 
  • भारत में, जीआई टैग के पंजीकरण को ‘वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 द्वारा विनियमित किया जाता है।
  • इसका पंजीकरण 10 वर्ष  के लिए मान्य होता है तथा 10 वर्ष बाद पंजीकरण का फिर से नवीनीकरण कराया जा सकता है।

जीआई टैग के लाभ 

  • यह भारत में भौगोलिक संकेतों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है तथा दूसरों द्वारा पंजीकृत भौगोलिक संकेतों के अनधिकृत उपयोग को रोकता है। 
  • यह भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित/निर्मित वस्तुओं के उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देता है।
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