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उच्च रक्तचाप के वैश्विक प्रभाव: WHO

प्रारंभिक परीक्षा-   गैर संक्रामक बीमारी, उच्च रक्तचाप 

संदर्भ-

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उच्च रक्तचाप के वैश्विक प्रभाव पर अपनी पहली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि हर पांच में से लगभग चार का पर्याप्त इलाज नहीं किया जाता है।

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प्रमुख बिंदु-

  • उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) दुनिया भर में तीन में से एक वयस्क को प्रभावित कर रहा है।
  • रिपोर्ट के अनुसार उच्च रक्तचाप  घातक स्थिति स्ट्रोक, दिल का दौरा, दिल की विफलता, गुर्दे की क्षति और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।
  • हृदय संबंधी बीमारियों के कारण होने वाली आधी से अधिक मौतों (52 प्रतिशत) का कारण उच्च रक्तचाप होता है।
  • उच्च रक्तचाप को सरल और कम लागत वाली दवा के साथ प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है
  • उच्च रक्तचाप वाले पांच में से केवल एक व्यक्ति ने इसे नियंत्रित किया है, यद्यपि उपचार संभव है।
  • उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों की संख्या 1990 और 2019 के बीच दोगुनी(650 मिलियन से 1.3 बिलियन) हो गई है।
  • विश्व स्तर पर उच्च रक्तचाप से पीड़ित लगभग आधे लोग वर्तमान में अपनी स्थिति से अनजान हैं।
  • उच्च रक्तचाप से पीड़ित तीन-चौथाई से अधिक वयस्क निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।

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भारत के सन्दर्भ में-

  • देश की 31 प्रतिशत आबादी या 188.3 मिलियन लोग वर्तमान में इस स्थिति के साथ जी रहे हैं।
  • उच्च रक्तचाप से पीड़ित केवल 37 प्रतिशत भारतीयों का ही निदान हो पाता है और केवल 30 प्रतिशत ही इलाज करा पाते हैं।
  • WHO की उच्च रक्तचाप रिपोर्ट के अनुसार बेहतर नियंत्रण के साथ भारत में 2040 तक 4.6 मिलियन लोगों की जान बचाई जा सकती है।
  • पिछले साल के अंत में प्रकाशित द लांसेट, क्षेत्रीय स्वास्थ्य (दक्षिण-पूर्व एशिया) के एक पेपर के अनुसार, भारत में मृत्यु और विकलांगता के लिए उच्च रक्तचाप सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारक है।
  • 2019-2020 राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) ने पुरुषों में 24% और महिलाओं में 21% उच्च रक्तचाप की सूचना दी, जो पिछले दौर (2015-16) से क्रमशः 19% और 17% से अधिक है।
  • भारत इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव कार्यक्रम चलाता है, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बड़े पैमाने पर उच्च रक्तचाप नियंत्रण का एक प्रयास है।

भारत में उच्च रक्तचाप के कारण-

निम्न बिन्दुओं को सूचीबद्ध किया गया है-

  • उच्च नमक का सेवन
  • तंबाकू का उपयोग
  • मोटापा
  • शराब का सेवन
  • शारीरिक व्यायाम की कमी, आदि। 

रिपोर्ट ने भारत में तंबाकू के उपयोग (28 प्रतिशत) और शारीरिक निष्क्रियता (34 प्रतिशत) को दो सबसे शक्तिशाली ट्रिगर के रूप में चिह्नित किया है।

रोकथाम के उपाए: 

  • फलों और सब्जियों का सेवन (जिनमें रक्तचाप कम करने वाला पोटेशियम होता है)   
  • शराब के सेवन से बचना चाहिए
  • शारीरिक गतिविधि 
  • अच्छी नींद की आदतें
  • वायु प्रदूषण के संपर्क में कमी
  • योग, ध्यान और संगीत, आदि।  

आदर्श रक्तचाप रीडिंग-

रक्तचाप को मिलीमीटर पारा (mm HG) में मापा जाता है।

  • सामान्य रक्तचाप 18 से 39 वर्ष की आयु वालों के लिए 119/70 mm HG
  • 40 से 59 वर्ष की आयु वालों के लिए 124/77 mm HG
  • 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों के लिए 133/69 mm HG के बीच होता है।
  • उच्च रक्तचाप 140/90 mm HG या अधिक 

नोट-

रक्तचाप को ठीक से पढ़ने के लिए दो शब्दों का उल्लेख होता है - सिस्टोलिक दबाव (ऊपरी संख्या) और डायस्टोलिक दबाव (नीचे या दूसरी संख्या)। उदाहरण के लिए- यदि आपका रक्तचाप 145 बनाम 90 या 145/90mmHg है, तो इसका मतलब है कि आपका सिस्टोलिक दबाव 140mmHg और डायस्टोलिक दबाव 90mmHg है।

प्रश्न- WHO ने उच्च रक्तचाप के वैश्विक प्रभाव पर रिपोर्ट के सम्बन्ध में,  निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. WHO ने यह रिपोर्ट पहली बार जारी की है।
  2. उच्च रक्तचाप 140/90 mm HG या इससे अधिक की स्थिति है।
  3. उच्च रक्तचाप दुनिया भर में तीन में से एक वयस्क को प्रभावित कर रहा है।
  4. उच्च रक्तचाप से पीड़ित केवल 37 प्रतिशत भारतीयों का ही निदान हो पाता है। 

 उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो 

(c) केवल तीनों

(d) सभी चार

 उत्तर-  (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न- उच्च रक्तचाप जैसी गैर-संक्रामक बीमारियों में से अधिकांश बीमारियों का इलाज संभव है यद्यपि ऐसी बीमारियों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। चर्चा कीजिए।

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