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नैनोज़ाइम: थ्रॉम्बोसिस के इलाज में क्रांतिकारी खोज

(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास)

संदर्भ 

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्ताओं ने थ्रॉम्बोसिस के उपचार के लिए एक कृत्रिम धातु ‘वैंडियम’ आधारित नैनोज़ाइम (Nanozyme) विकसित किया है।

क्या होते हैं नैनोज़ाइम

  • परिचय : यह ऐसे सूक्ष्म कण या  नैनोमटेरियल हैं जो एंजाइम की तरह काम करते हैं अर्थात वे प्राकृतिक एंजाइमों की तरह उत्प्रेरक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करने में सक्षम होते हैं।
  • संरचना : इनमें धातु, कार्बन या धातु ऑक्साइड जैसे नैनोमटेरियल होते हैं जो उन्हें एंजाइम के समान कार्य करने की क्षमता प्रदान करते हैं।

रक्त जमाव एवं थ्रॉम्बोसिस के बारे में

  • रक्त जमाव (Haemostasis): यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो चोट लगने पर अत्यधिक रक्तस्राव को रोकती है।
    • प्लेटलेट्स रक्त में छोटी कोशिकाएँ हैं जो थक्का बनाने में मदद करती हैं।
    • यह प्रक्रिया कोलेजन एवं थ्रोम्बिन जैसे रासायनिक पदार्थों द्वारा शुरू होती है।
  • थ्रॉम्बोसिस : रक्त वाहिकाओं में असामान्य रूप से थक्का जमने की प्रक्रिया होती है।
    • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में हानिकारक रासायनिक असंतुलन) और रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज़ (ROS- कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक ऑक्सीजन अणु) के स्तर बढ़ने से प्लेटलेट्स अत्यधिक सक्रिय हो जाते हैं, जिससे रक्त वाहिकाओं में अनावश्यक थक्के बनते हैं।
    • थ्रॉम्बोसिस हृदयाघात, स्ट्रोक एवं फेफड़ों की समस्याओं का प्रमुख कारण है।

हालिया खोज के बारे में

  • आई.आई.एस.सी. बेंगलुरु में प्रो. जी. मुगेश के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने एक कृत्रिम धातु वैंडियम पेंटॉक्साइड (V2O5) आधारित नैनोज़ाइम विकसित किया है।
  • यह नैनोजाइम पल्मोनरी थ्रॉम्बोइम्बोलिज्म (PTE) जैसी स्थितियों के कारण होने वाले असामान्य रक्त जमाव (थ्रॉम्बोसिस) को रोकने में मदद कर सकता है।
  • यह खोज चिकित्सा विज्ञान में बड़ा कदम है, विशेष रूप से कोविड-19 जैसे रोगों से उत्पन्न होने वाली जटिलताओं के लिए।
  • यह नैनोज़ाइम प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम्स (जैसे- ग्लूटाथियोन पेरोक्सिडेज़) की नकल करता है और ROS को कम करके ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को नियंत्रित करता है, जिससे अतिरिक्त थक्का बनने से रोका जाता है।

मुख्य विशेषताएँ

  • संश्लेषण एवं डिज़ाइन : शोधकर्ताओं ने विभिन्न आकारों, आकृतियों एवं संरचनाओं के नैनोकणों को नियंत्रित रासायनिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से बनाया। गोलाकार V2O5 नैनोज़ाइम सबसे प्रभावी पाए गए क्योंकि ये प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम्स की तरह काम करते हैं।
  • रेडॉक्स रसायन : वैंडियम की सतह पर होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाएँ ROS को कम करती हैं जो असामान्य थक्के की जड़ को खत्म करती हैं।
  • गैर-विषाक्त प्रकृति : वैंडियम का +5 ऑक्सीकरण अवस्था प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण था क्योंकि +4 अवस्था कोशिकाओं के लिए विषाक्त होती है। पांच दिनों तक चूहों में कोई विषाक्त प्रभाव नहीं देखा गया।
  • पारंपरिक दवाओं से बेहतर : सामान्य एंटी-प्लेटलेट दवाएं (थक्का रोकने वाली दवाएं) रक्तस्राव की समस्या पैदा कर सकती हैं किंतु नैनोज़ाइम रेडॉक्स सिग्नलिंग को नियंत्रित करता है और सामान्य रक्त जमाव को प्रभावित नहीं करता है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्व

  • भारत में हृदय रोग, स्ट्रोक और PTE जैसे थ्रॉम्बोसिस से संबंधित रोग बढ़ रहे हैं। नैनोज़ाइम की रक्तस्राव की जटिलताओं के बिना ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को नियंत्रित करने की क्षमता इसे एक क्रांतिकारी उपचार बनाती है।
  • यह इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke- मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति रुकना) जैसे अन्य रोगों के लिए भी उपयोगी हो सकता है। मानव प्लेटलेट्स पर सफल प्रयोगों के साथ यह नैदानिक परीक्षणों के लिए तैयार है।
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