चर्चा में क्यों ?
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के नौकायन पोत आई.ए.एस.वी. त्रिवेणी को मुंबई के ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रवाना किया।

प्रमुख बिंदु
- इसे भारत के इतिहास का एक ऐतिहासिक क्षण बताया गया।
- यह देश का पहला अखिल महिला त्रि-सेवा जलयात्रा अभियान है।
- इसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की महिलाएँ संयुक्त रूप से वैश्विक समुद्री परिक्रमा कर रही हैं।
अभियान की मुख्य विशेषताएँ
- नाम - IASV त्रिवेणी (त्रि-सेवा का प्रतीक - सेना, नौसेना, वायु सेना)।
- नेतृत्व - लेफ्टिनेंट कर्नल अनुजा वरुडकर।
- दल - कुल 10 महिला अधिकारी:
- 5 सेना अधिकारी
- 1 नौसेना अधिकारी
- 4 वायु सेना अधिकारी
- अवधि - लगभग 9 माह
- दूरी - 26,000 समुद्री मील से अधिक की यात्रा
- मार्ग - यह यात्रा भूमध्य रेखा को दो बार पार करेगी और तीन महान अन्तरीपों (केप ऑफ गुड होप, केप लीउविन, केप हॉर्न) का चक्कर लगाए
महत्व
- महिला सशक्तिकरण - यह पहली बार है जब तीनों सेनाओं की महिलाएँ मिलकर वैश्विक समुद्री प्रदक्षिणा कर रही हैं।
- राष्ट्रीय गौरव - यह अभियान भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता और नारी शक्ति का प्रतीक है।
- वैश्विक संदेश - यह मिशन अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों पर भारत की उपस्थिति को सुदृढ़ करेगा।
- अनुशासन व इच्छाशक्ति - नौ महीने लंबी चुनौतीपूर्ण यात्रा, महिलाओं की अदम्य इच्छाशक्ति को प्रदर्शित करती है।
- ऐतिहासिक महत्व – लौटने पर यह अभियान भारतीय सैन्य इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा।
प्रश्न. हाल ही में भारत का पहला अखिल महिला त्रि-सेवा जलयात्रा अभियान किस नाम से शुरू किया गया ?
(a) INSV तारिणी
(b) IASV त्रिवेणी
(c) INS विक्रांत
(d) INS अरिहंत
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