New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

भारत-ईरान संबंध 

प्रारंभिक परीक्षा – भारत और ईरान संबंध, सिग्निफिकेंट रिडक्शन एक्सेप्शन
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र: 2– अन्तराष्ट्रीय संबंध

चर्चा में क्यों?

  • ईरान के घटते रुपये के भंडार के कारण भारतीय व्यापारियों ने चावल, चीनी और चाय जैसी वस्तुओं के लिए ईरानी खरीदारों के साथ नए निर्यात अनुबंध पर हस्ताक्षर करना लगभग पूरी तरह से बंद कर दिया है।

मुद्दा क्या है?

  • भारत के यूको और आईडीबीआई बैंक, ईरान का रुपया भंडार और ईरान में रुपये के व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अधिकृत हैं, इन बैंकों में ईरान का रुपया भंडार काफी कम हो गया है। 
  • अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत, तेहरान तेल की बिक्री के लिए अमेरिकी डॉलर का उपयोग करने में असमर्थ है। 
  • ईरान ने पहले रुपये के बदले भारत को तेल बेचने का सौदा किया था, जिसका उपयोग वह कृषि वस्तुओं सहित महत्वपूर्ण वस्तुओं का आयात करने के लिए करता था, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों की छूट समाप्त होने के बाद नई दिल्ली ने मई 2019 में तेहरान से तेल खरीदना बंद कर दिया।
  • तेहरान ने भारत से सामान खरीदने के लिए अपने रुपये का उपयोग जारी रखा, लेकिन 22 महीने तक कच्चे तेल की बिक्री नहीं होने के बाद, ईरान के रुपये के भंडार में गिरावट आई है। 
  • ईरान, भारत से मुख्य रूप से बासमती चावल, चाय, चीनी, सोयाबीन और दवाइयाँ खरीद रहा था।
  • ईरान के पास रुपया भंडार कम होने के कारण पिछले साल के शिपमेंट से भुगतान में बहुत देरी हुई थी। निर्यातकों को शिपमेंट के छह महीने बाद भुगतान प्राप्त हुआ। 

भारत और ईरान संबंध का कालानुक्रम 

स्वतंत्रता से पहले 

  • फारसी साम्राज्य और भारतीय साम्राज्य के बीच प्राचीन काल से घनिष्ठ सभ्यतागत संबंध 
    • प्राचीन काल में पार्थियनों के आक्रमण के बाद से दोनों देशों में सांस्कृतिक एवं व्यापारिक संबंध शुरू हुए। 
  • वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता तथा विभाजन से पहले तक दोनों देश सीमा भी साझा करते थे।

स्वतंत्रता के बाद 

  • स्वतंत्रता और विभाजन के साथ, भारत ने ईरान की भौगोलिक निकटता खो दी। 
  • ईरान पाकिस्तान के नए राज्य को मान्यता देने वाला पहला देश था। 
  • 1965 के युद्ध के दौरान, और फिर 1971 में, ईरान ने पाकिस्तान का समर्थन किया। 
  • 1979 तक शाह रज़ा पहलवी के कार्यकाल के दौरान, भारत और ईरान के बीच संबंध मधुर रहे, दोनों देश शीत युद्ध के विरोधी पक्षों में थे, परंतु जब भारत ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन की शुरुआत की, ईरान पश्चिमी शिविर में शामिल हो गया । 
  • अपने इस कदम से ईरान, अमेरिका के सहयोगी पाकिस्तान के करीब हुआ 
    • 1971 के युद्ध के दौरान भारत के खिलाफ अपने क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति  प्रदान की, परंतु 1998 में मजार-ए-शरीफ में 11 ईरानी राजनयिकों की हत्या के बाद पाकिस्तान से ईरान का मोहभंग हो गया। 
  • इंदिरा गांधी ने 1974 में ईरान का दौरा किया इसके बाद से भारत-ईरान के बीच तेल व्यापार शुरू हुआ। 
  • 1979 में अयातुल्ला खुमैनी के नेतृत्व में इस्लामी क्रांति द्वारा राजशाही को उखाड़ फेंकने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार होना शुरू हुआ।
    • दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर रास्ते पर ले जाने के लिए एक संयुक्त आयोग नियुक्त किया गया। 

1990 के दशक के बाद की स्थिति 

  • वर्ष 2001 और 2003 में, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए तेहरान और नई दिल्ली घोषणाओं पर हस्ताक्षर किए गए। 
  • भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर बातचीत के बाद और अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण, ईरान के साथ भारत के संबंध बहुत अच्छे नहीं रहे हैं, हालांकि आतंकवाद के मुद्दे पर ईरान और भारत एकमत हैं।  

भारत के लिए ईरान का रणनीतिक महत्व 

  • विभाजन और POK पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे ने अफगानिस्तान में भारत की पहुंच को काट दिया। इसने अफगानिस्तान, मध्य एशिया और रूस तक पहुंचने के मार्ग के रूप में भारत के लिए ईरान के महत्व को बढ़ा दिया है। 
  • ईरान की फारस की खाड़ी और कैस्पियन सागर के बीच एक रणनीतिक और महत्त्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति है। 
  • ईरान कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के सबसे बड़े भंडारों में से एक है। 

भारत और ईरान के बीच सहयोग के क्षेत्र 

आर्थिक संपर्क और विकास सहायता

  • 2018-2019 में भारत ने 12.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कच्चा तेल आयात
    • कारण-अमेरिका से मिलने वाली 'सिग्निफिकेंट रिडक्शन एक्सेप्शन' छूट का खत्म होना है।
    • इसके तहत USA ने भारत और कुछ अन्य देशों को बिना किसी प्रतिबंध के ईरान से कच्चे तेल का आयात जारी रखने की अनुमति दी।
  • मुद्रा विनिमय समझौता- भारत को ईरान से तेल आयात के लिए भारतीय रुपये (INR) में भुगतान करने की अनुमति देता है।

कनेक्टिविटी परियोजनाएँ

  • अंतर्राष्ट्रीय परिवहन और पारगमन गलियारा परियोजना 
    • शुरुआत 2003 में की गई थी, जिसे अंततः 2016 में सहमति दी गई

सामरिक/रक्षा संबंध

  • पाकिस्तान राज्य प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग 
  • चाबहार बंदरगाह पर सहयोग 

वर्तमान में भारत-ईरान का व्यापार परिदृश्य 

  • ईरान ने 2022-23 में भारत से लगभग दस लाख टन सुगंधित चावल का आयात किया, जो देश से 4.5 मिलियन टन के कुल बासमती निर्यात का 20.35% है।
  • आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2019-20 में ईरान के साथ भारत का व्यापार तेजी से गिर गया। आयात, मुख्य रूप से ईरानी क्रूड, 2018-19 में 13.53 बिलियन डॉलर की तुलना में लगभग 90% गिरकर 1.4 बिलियन डॉलर हो गया।
  • मई 2019 से पहले व्यापार संतुलन, जो ईरान के पक्ष में था, कच्चे तेल के आयात को रोकने के बाद धीरे-धीरे भारत के पक्ष में स्थानांतरित हो गया।

आगे की राह 

  • दोनों देशों को अभिसरण के उन क्षेत्रों की ओर देखने की आवश्यकता है जहाँ दोनों देश एक-दूसरे के साझा हितों की परस्पर समझ रखते हैं और इसकी प्राप्ति के लिये मिलकर कार्य कर सकते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X