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भारत स्वदेशी इलेक्ट्रिक ट्रेनर विमान 'ई-हंसा' विकसित करेगा

चर्चा में क्यों?

  • भारत ने स्वदेशी दो-सीटर इलेक्ट्रिक ट्रेनर विमान 'ई-हंसा' (E-Hansa) के विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 
  • यह विमान बेंगलुरु स्थित सीएसआईआर-नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (NAL) द्वारा विकसित किया जा रहा है।  

ई-हंसा परियोजना की प्रमुख विशेषताएं:

  • ई-हंसा पूरी तरह से भारत में विकसित किया जा रहा है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • इस विमान की अनुमानित लागत लगभग ₹2 करोड़ है, जो कि आयातित ट्रेनर विमानों की तुलना में लगभग आधी है।
  • यह परियोजना भारत के हरित उड्डयन लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसमें स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग कर विमानन क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा रहा है।
  • ई-हंसा, HANSA-3 (नेक्स्ट जेनरेशन) ट्रेनर विमान कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पायलट प्रशिक्षण के लिए एक किफायती और स्वदेशी विकल्प प्रदान करना है।

हंसा विमान: 

  • यह भारत में विकसित एक हल्का ट्रेनर विमान है, जिसे विशेष रूप से फ्लाइंग क्लबों और पायलट प्रशिक्षण संस्थानों के लिए डिजाइन किया गया है। 
  • इन विमानों को CSIR-NAL (Council of Scientific and Industrial Research - National Aerospace Laboratories) द्वारा विकसित किया जाता है।

हंसा विमान की प्रमुख विशेषताएँ:

विशेषता

विवरण

विकासकर्ता

CSIR-NAL, बेंगलुरु

पहली उड़ान

1993 में

प्रकार

दो-सीटर, हल्का ट्रेनर विमान

उपयोग

पायलट प्रशिक्षण, निगरानी, निजी उड़ानें

संरचना

फाइबरग्लास-निर्मित एयरफ्रेम  

उड़ान समय

लगभग 4 घंटे (HANSA-3)

गति

अधिकतम लगभग 200 किमी/घंटा

सीटें

दो (पायलट + प्रशिक्षु)

हंसा के विभिन्न संस्करण:

1. हंसा -3

  • पहला स्वदेशी, दो-सीटर नागरिक विमान।
  • DGCA से प्रमाणित।
  • पायलट प्रशिक्षण के लिए देशभर के फ्लाइंग क्लबों में उपयोग हुआ।
  • इसकी दक्षता, रखरखाव में आसानी और उड़ान प्रदर्शन ने इसे काफी लोकप्रिय बनाया।

2. हंसा-NG (Next Generation)

  • हंसा-3 का उन्नत संस्करण।
  • इसमें डिजिटल एवियोनिक्स, ग्लास कॉकपिट, बेहतर एयरोडायनामिक डिज़ाइन और सुरक्षा विशेषताएँ जोड़ी गई हैं।
  • 2021 में इसकी पहली उड़ान हुई।

3. ई-हंसा (इलेक्ट्रिक संस्करण)

  • प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वर्जन जो स्वच्छ ऊर्जा पर आधारित होगा।
  • पर्यावरण अनुकूल, कम लागत और रखरखाव में आसान।
  • भारत के “हरित विमानन” और “आत्मनिर्भर भारत” लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान।

प्रश्न.  ई-हंसा विमान को किस संगठन द्वारा विकसित किया जा रहा है?

(a) DRDO

(b) HAL

(c) ISRO

(d) CSIR-NAL

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