New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

भारत-वियतनाम संबंध

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह, भारत के हितों पर विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय)

संदर्भ 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंचे थे। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं सुरक्षा संबंधों को अधिक मजबूत करना है। 

वियतनाम के प्रधानमंत्री की यात्रा से संबंधित प्रमुख बिंदु 

  • दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह ने इस क्षेत्र में विवाद को बढ़ने से रोकने के लिए ’सभी गतिविधियों के संचालन में असैन्यीकरण एवं आत्म-संयम’ के महत्व को रेखांकित किया।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तारवाद के स्थान पर भारत के विकासवाद के समर्थन की पुष्टि की। 
    • वैश्विक व्यापार का 55% से अधिक व्यापार दक्षिण चीन सागर से होकर गुजरता है और भारत इस क्षेत्र में संभावित व्यवधानों को लेकर चिंतित है।
  • इस यात्रा से दोनों देशों के मध्य पारंपरिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग मजबूत होने और इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, फार्मास्यूटिकल्स, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित अर्थव्यवस्था, डिजिटल अर्थव्यवस्था, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सेमी-कंडक्टर, नई सामग्री और आवश्यक खनिजों जैसे संभावित क्षेत्रों में विस्तार की संभावना है।
  • यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनीतिक विश्वास को बढ़ाने और बहुआयामी सहयोग को गहरा करने में भी योगदान देगी। साथ ही, दोनों देशों को इस क्षेत्र में और दुनिया में सुरक्षात्मक एवं रणनीतिक मुद्दों पर विचार साझा करने तथा साझा हित के बहुपक्षीय मंचों पर आपसी समर्थन को दोहराने का अवसर प्रदान करेगी।
  • सितंबर 2016 में दोनों देशों के मध्य व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्थापित होने के बाद चीन्ह की यह यात्रा किसी वियतनामी प्रधानमंत्री द्वारा भारत की पहली यात्रा है। 
    •  चीन एवं रूस के बाद वियतनाम का रणनीतिक साझेदार की स्थिति प्राप्त करने वाला भारत तीसरा देश बन गया है। 
  • दक्षिण कोरिया, अमेरिका, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया भी वियतनाम के रणनीतिक साझेदार है। जल्द ही इंडोनेशिया एवं सिंगापुर भी इसमें शामिल हो सकते हैं। 
    • यह वियतनाम की लचीली एवं सर्वदिशात्मक विदेश नीति सिद्धांत को प्रदर्शित करता है।

दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय वार्ता के प्रमुख बिंदु  

  • दोनों नेताओं ने समृद्धि एवं सुरक्षा के बीच संबंध को रेखांकित करते हुए दक्षिण चीन सागर में शांति, स्थिरता, सुरक्षा एवं नौवहन तथा उड़ान की स्वतंत्रता बनाए रखने के महत्व की पुष्टि की। 
  • दोनों देशों ने धमकी या बल प्रयोग का सहारा लिए बिना अंतर्राष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से 1982 के संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (UNCLOS) के अनुसार विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर बल दिया।
    • UNCLOS समुद्री अधिकारों, संप्रभु अधिकारों, अधिकार क्षेत्र और समुद्री क्षेत्रों पर वैध हितों को निर्धारित करने का आधार है।
  • दोनों नेताओं ने ऐसी कार्रवाइयों से परहेज किया है जो स्थिति को अधिक जटिल बना सकती हैं या शांति एवं स्थिरता को प्रभावित करने वाले विवादों को बढ़ा सकती हैं। 
  • प्रधानमंत्री मोदी ने एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण में वियतनाम  के महत्वपूर्ण साझेदार होने का उल्लेख किया। 
  • भारत ने 300 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन पर किए गए समझौते के माध्यम से वियतनाम की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने पर बल दिया। 
  • दोनों देशों ने आतंकवाद और साइबर सुरक्षा के मुद्दों पर सहयोग पर बल देने का निर्णय लिया है।

भारत-वियतनाम द्विपक्षीय संबंध 

प्रारंभिक संबंध 

  • भारत के एक्ट ईस्ट नीति और इसके हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण में वियतनाम एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 
  • राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और राष्ट्रपति हो ची मिन्ह ने एक-दूसरे के साथ संदेशों का आदान-प्रदान किया था। 
  • भारत ने प्रारंभ से ही तत्कालीन उत्तरी वियतनाम (वियतनाम लोकतांत्रिक गणराज्य) और दक्षिण वियतनाम के साथ वाणिज्य दूतावास स्तर के संबंध बनाए रखे। बाद में 7 जनवरी 1972 को वियतनाम के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए।
  • भारत और वियतनाम के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ एवं मधुर द्विपक्षीय संबंध हैं जिन्हें व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में जाना जाता है। 
    • वर्ष 2016 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा के दौरान भारत-वियतनाम संबंधों को 'व्यापक रणनीतिक साझेदारी' के स्तर तक बढ़ा दिया गया था।
  • वर्तमान में भारत-वियतनाम संबंधों का विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन वियतनामी प्रधानमंत्री श्री गुयेन जुआन फुक द्वारा दिसंबर 2020 में अपनाए गए शांति, समृद्धि एवं लोगों के लिए संयुक्त दृष्टिकोण द्वारा निर्देशित है।
  • वर्ष 2022 में दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मनाई। 

व्यापार एवं आर्थिक सहयोग  

  • भारत एवं वियतनाम के बीच सक्रिय व्यापारिक व आर्थिक संबंध हैं। 
  • संयुक्त व्यापार उप-आयोग के अलावा कृषि, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी आदि पर संयुक्त कार्य समूह संबंधित क्षेत्रों में व्यापार एवं आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए संलग्न हैं। 
  • व्यापार : 
    • वर्ष 2016 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के बाद से दोनों पक्षों के बीच व्यापार लगभग ढाई गुना बढ़ गया है। 
    • वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत-वियतनाम व्यापार 14.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। 
      • इसमें भारत का वियतनाम को निर्यात 5.47 बिलियन अमेरिकी डॉलर और वियतनाम से आयात 9.35 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। 
    • भारत द्वारा वियतनाम को किए जाने वाले मुख्य निर्यात : इंजीनियरिंग व इलेक्ट्रॉनिक सामान, कृषि उत्पाद (मांस एवं मत्स्य उत्पादों सहित), रसायन तथा फार्मास्यूटिकल्स, खनिज, कपास और वस्त्र, प्लास्टिक आदि। 
    • वियतनाम से भारत को आयात : कंप्यूटर एवं इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल फोन व सहायक उपकरण, मशीनरी तथा उपकरण, स्टील व अन्य धातुएं, रसायन, जूते, वस्त्र, रबर, लकड़ी के उत्पाद आदि। 
    • वर्ष 2009 में संपन्न आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता, भारत एवं वियतनाम के बीच तरजीही व्यापार व्यवस्था प्रदान करता है।  
      • वर्तमान में यह समझौता समीक्षाधीन है।
    • अप्रैल 2024 में भारतीय व्यवसायों ने वियतनाम के उद्योग एवं व्यापार मंत्रालय द्वारा आयोजित 33वें वियतनाम अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भाग लिया जहाँ भारत 'गेस्ट ऑफ़ ऑनर' देश था। 
  • निवेश : 
    • वियतनाम में भारत का निवेश लगभग 2 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है जिसमें तीसरे देशों के माध्यम से किए गए निवेश भी शामिल हैं। 
    • भारत द्वारा वियतनाम में 1.1 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक की कुल निवेशित पूंजी वाली 378 परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं। 
    • भारतीय निवेश के प्रमुख क्षेत्र ऊर्जा, खनिज प्रसंस्करण, कृषि प्रसंस्करण (कॉफी, चाय, चीनी), सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटो कंपोनेंट, फार्मास्यूटिकल्स, आतिथ्य एवं बुनियादी ढांचा हैं। 
    • भारत के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अनुसार वर्ष 2022 तक वियतनाम ने भारत में उपभोक्ता वस्तुओं, इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्माण, आईटी, फार्मास्यूटिकल्स आदि जैसे क्षेत्रों में लगभग 28.55 मिलियन अमरीकी डालर का निवेश किया है।
  • विकास साझेदारी
    • भारत का वियतनाम के साथ दीर्घकालिक विकास सहयोग है, जिसने प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, सामाजिक-आर्थिक विकास और औद्योगिक वृद्धि की दिशा में कई दशकों में सकारात्मक योगदान दिया है।
    • वर्तमान में लगभग 150 वियतनामी नागरिक प्रतिवर्ष भारत में प्रायोजित प्रशिक्षण एवं शैक्षिक पाठ्यक्रमों में भाग लेते हैं। 
    • मेकांग-गंगा सहयोग ढांचे के अंतर्गत भारत जमीनी स्तर पर सामुदायिक सुविधाओं के विकास के लिए वियतनाम के विभिन्न प्रांतों में त्वरित प्रभाव परियोजनाएँ संचालित कर रहा है। 
    • भारत ने मध्य वियतनाम के क्वांग नाम प्रांत में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल ‘माई सन’ के संरक्षण और जीर्णोद्धार का समर्थन किया है। 

रक्षा सहयोग 

  • जून 2022 में भारतीय रक्षा मंत्री और उनके वियतनामी समकक्ष ने ‘2030 की ओर भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त विजन स्टेटमेंट’ पर हस्ताक्षर किए। 
    • इसका उद्देश्य दशक के अंत तक ‘मौजूदा रक्षा सहयोग के दायरे एवं पैमाने को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना’ था। 
  • दोनों देशों ने परस्पर रसद समर्थन पर एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।  यह पहला ऐसा बड़ा समझौता है जिस पर वियतनाम ने किसी भी देश के साथ हस्ताक्षर किए हैं।
  • नवंबर 2022 में दो भारतीय नौसेना जहाज INS शिवालिक एवं INS कामोर्ता ने हो ची मिन्ह सिटी पोर्ट का दौरा किया। 
  • भारतीय नौसेना का मिसाइल विध्वंसक INS दिल्ली और बहुउद्देशीय फ्रिगेट INS सतपुड़ा ने मई 2023 में मध्य वियतनाम के दानंग में बंदरगाह का दौरा किया।
  • वर्ष 2023 में भारत ने घरेलू रूप से निर्मित मिसाइल कोरवेट INS कृपाण को वियतनाम की नौसेना को सौंपा है। 
    • यह पहली बार था जब भारत ने किसी अन्य देश को पूरी तरह से परिचालन योग्य कोरवेट उपहार में दिया था। 
  • दोनों देशों ने दक्षिण चीन सागर सहित कई बहुपक्षीय एवं द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों में भी भाग लिया है।
  • भारत वर्तमान में वियतनाम के लिए हथियारों का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनता जा रहा है। 
  • वियतनाम द्वारा भारत-रूस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की संभावित खरीद के लिए बातचीत जारी है। 
  • 50 सदस्यीय भारतीय रक्षा दल ने 10-21 दिसंबर, 2023 तक वियतनाम में VINBAX-2023 सैन्य अभ्यास के चौथे संस्करण में भाग लिया। 
  • वियतनाम के नौसेना जहाज ने फरवरी 2024 में भारत में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास MILAN में भाग लिया।
  • दोनों देश प्रशिक्षण, अनुभवों के आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं आदि के संदर्भ में सुरक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग करते हैं।

सांस्कृतिक एवं मानवीय संबंध 

  • भारत-वियतनाम के मध्य बौद्ध संबंध सहस्राब्दियों पुराने सभ्यतागत संबंधों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • कई बौद्ध विद्वान और तीर्थयात्री नियमित रूप से भारत स्थित बौद्ध स्थलों की यात्रा करते हैं जिनमें बोधगया का वियतनामी बौद्ध शिवालय भी शामिल है।
  • अप्रैल 2023 में वियतनाम बौद्ध संघ के प्रमुख थिच त्रि क्वांग ने नई दिल्ली में वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन में भाग लिया। 
  • योग वियतनाम में बेहद लोकप्रिय है, जो सैकड़ों योग क्लबों या अन्य सुविधाओं और वियतनाम में अपनी सेवाएँ देने वाले कई भारतीय योग शिक्षकों से परिलक्षित होता है। 
    • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को चिह्नित करने वाले वार्षिक कार्यक्रम पूरे देश में 35 से अधिक प्रांतों में आयोजित किए जाते हैं।
  • कोविड-19 महामारी के बाद और वर्ष 2022 से दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों में वृद्धि के बाद दो-तरफ़ा पर्यटन तथा लोगों के बीच आदान-प्रदान में उछाल देखा गया है। 
  • दोनों देशों द्वारा एक सरलीकृत ई-वीज़ा व्यवस्था अवकाश, व्यवसाय व सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए यात्रा एवं पर्यटन का समर्थन करती है।
  • सितंबर 2016 में हनोई में स्थापित स्वामी विवेकानंद भारतीय सांस्कृतिक केंद्र दोनों देशों के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देता है।
  • अक्तूबर 2023 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हो ची मिन्ह शहर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। 
  • वियतनाम में भारतीय समुदाय
    • वर्तमान में वियतनाम में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 8500 है। उनमें से अधिकांश हो ची मिन्ह सिटी (HCMC) और हनोई में रहते हैं। 
    • समुदाय के अधिकांश सदस्य व्यवसायों, आईटी, होटल/रेस्तरां, खनन, योग संस्थानों, नागरिक उड्डयन, स्कूलों और निवेश तथा व्यापक श्रेणी के सामानों के व्यापार जैसे क्षेत्रों में कार्यरत पेशेवर हैं।
    •  ONGC विदेश लिमिटेड, बैंक ऑफ इंडिया, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, HCL टेक्नोलॉजीज और कुछ भारतीय व्यवसायों के वियतनाम में कार्यालय हैं।

वियतनाम : देशनामा 

  • अवस्थिति : दक्षिण-पूर्व एशिया 

    • इसकी सीमा उत्तर में चीन, पूर्व व दक्षिण में दक्षिण चीन सागर, दक्षिण-पश्चिम में थाईलैंड की खाड़ी (सियाम की खाड़ी) और पश्चिम में कंबोडिया एवं लाओस से लगती है।
  • राजधानी : हनोई
  • जनसंख्या : लगभग 9.85 करोड़
  • जलवायु : उष्णकटिबंधीय एवं समशीतोष्ण जलवायु 
  • प्रचलित धर्म : कन्फ्यूशीवाद, ताओवाद, और महायान बौद्ध धर्म
  • आधिकारिक भाषा : वियतनामी 
  • आधिकारिक मुद्रा : वियतनामी डोंग
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR