आयकर विभाग ने विदेशों, विशेष रूप से स्विट्जरलैंड, से प्राप्त डाटा का मिलान भारत में दाखिल आयकर रिटर्न के साथ किया, जिससे करदाताओं की ₹29,208 करोड़ की अतिरिक्त विदेशी संपत्ति और ₹1,089.88 करोड़ की अतिरिक्त विदेशी आय का पता चला।
हालिया मुद्दे के बारे में
- स्विस नेशनल बैंक (SNB) ने 19 जून को खुलासा किया कि स्विस बैंकों में जमा भारतीय धन वर्ष 2024 में तीन गुना से अधिक बढ़कर 3.54 बिलियन स्विस फ़्रैंक (लगभग 37,600 करोड़ रुपए) तक पहुंच गया है।
- वित्त मंत्रालय ने स्विस बैंकों में भारतीयों के काले धन में वृद्धि के सोशल मीडिया दावों का खंडन किया है और स्पष्ट किया कि स्विट्जरलैंड से प्राप्त डाटा में उद्यमों, बैंकों व व्यक्तियों के विभिन्न प्रकार के फंड शामिल हैं।
स्विट्जरलैंड के साथ समझौता
- भारत एवं स्विट्जरलैंड के बीच स्वचालित सूचना आदान-प्रदान (Automatic Exchange of Information: AEOI) समझौते के तहत वर्ष 2019 से वित्तीय जानकारी साझा की जा रही है।
- इसमें वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित संदिग्ध खातों की जानकारी भी शामिल है।
CBDT की भूमिका
- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने AEOI के तहत प्राप्त डाटा की समीक्षा की और उन करदाताओं की पहचान की, जिनके मामलों में आगे सत्यापन की आवश्यकता थी।
- वित्त वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए ITR में विदेशी संपत्ति और आय की जानकारी का मिलान किया गया।
करदाताओं को सूचना
जिन करदाताओं ने ITR के सही अनुसूचियों में विदेशी संपत्ति एवं आय की जानकारी नहीं दी है, उन्हें SMS व ईमेल के माध्यम से रिटर्न की समीक्षा करने के लिए कहा गया है।
परिणाम
- 24,678 करदाताओं ने अपने ITR की समीक्षा की।
- 5,483 करदाताओं ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए विलंबित रिटर्न दाखिल किया।
- कुल ₹29,208 करोड़ की विदेशी संपत्ति और ₹1,089.88 करोड़ की विदेशी आय की घोषणा की गई।
गैर-जवाबदेह करदाताओं पर कार्रवाई
जो करदाता सूचना के बावजूद जवाब नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।