(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय) |
संदर्भ
अमेरिका ने भारत से आयातित हीरों व आभूषणों पर भारी आयात शुल्क (50-57%) लगाया है। इससे भारत के हीरा और आभूषण उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ा है। भारत का सबसे बड़ा हीरा आयातक अमेरिका है। साथ ही, भारत दुनिया का सबसे बड़ा पॉलिश हीरे का निर्यातक भी है।
भारत का हीरा और आभूषण उद्योग
- वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 46,000 करोड़ रुपए के हीरे और 23,000 करोड़ रुपए के जड़े हुए सोने के आभूषण का निर्यात किया।
- इस उद्योग में लगभग 8.2 लाख कुशल मजदूर कार्यरत हैं।
- MSMEs (मध्यम एवं लघु उद्योग) इस उद्योग का 85% हिस्सा हैं जो अमेरिकी बाजार के आघात को सहन नहीं कर पाएंगे।
- अमेरिकी टैरिफ से 1.7 लाख कुशल मजदूरों की नौकरियों पर खतरा आ गया है।
- इस उद्योग ने तीन से छह महीने के लिए सरकारी राहत की मांग की है। इस राहत में नीति संशोधन, मजदूर कल्याण एवं वित्तीय तथा विपणन सहायता शामिल हैं।
सर्वाधिक प्रभावित राज्य
- गुजरात: हीरे की कटाई एवं पॉलिशिंग केंद्र
- राजस्थान: रत्न एवं अर्ध-कीमती पत्थरों के साथ आभूषण निर्माण
- महाराष्ट्र: जड़े हुए एवं बिना जड़े आभूषण का उत्पादन व निर्यात
सरकार से मांगी गई नीतिगत राहत
- निर्यात दायित्व अवधि (Export Obligation Period) को 90 दिन से बढ़ाकर 270 दिन करना
- SEZs में रिवर्स जॉब वर्क की अनुमति
- आयात शुल्क न चुकाने पर SEZs को घरेलू बाजार में माल बेचने की अनुमति
- उद्देश्य:
- मशीनरी एवं कौशल का बेहतर उपयोग
- मजदूरों को रोजगार में बनाए रखना
- वर्षों की मेहनत से स्थापित फैक्ट्रियों का संचालन
उद्योग द्वारा मांगे गए प्रोत्साहन
- वित्तीय प्रोत्साहन: कोविड-19 काल के समान ब्याज सब्सिडी, अस्थायी निर्यात सब्सिडी
- मजदूर कल्याण: व्यक्तिगत ऋण का पुनर्गठन, स्वास्थ्य योजनाओं में शामिल करना
- विपणन लाभ: नए बाजारों का अन्वेषण करने के लिए वित्तीय सहायता
- अन्य मांगें : बैंकिंग प्रोत्साहन, तरलता पैकेज, वित्तीय विस्तार
निष्कर्ष
भारतीय हीरा एवं आभूषण उद्योग की सुरक्षा और रोजगार बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा संक्षिप्तकालीन राहत उपाय आवश्यक है। नीतिगत, वित्तीय एवं विपणन सहायता से उद्योग को अमेरिकी टैरिफ के झटके से निपटने में मदद मिलेगी।