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अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2025

(प्रारंभिक परीक्षा: महत्त्वपूर्ण दिवस)

चर्चा में क्यों 

भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के बदायूं में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2025 का भव्य आयोजन किया।

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2025 के बारे में

  • अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Day of Older Persons) हर वर्ष 1 अक्टूबर को विश्वभर में मनाया जाता है।
  • इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के निर्णय से वर्ष 1990 में हुई थी, जबकि इसे पहली बार 1 अक्टूबर 1991 को मनाया गया।
  • इस दिवस का उद्देश्य वृद्धजनों के अधिकारों, कल्याण और समाज में उनके योगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
  • इस वर्ष की थीम : “Fulfilling the Promise of Healthy Ageing: Dignity, Inclusion and Innovation” (“स्वस्थ वृद्धावस्था के वादे को पूरा करना : गरिमा, समावेशन और नवाचार”)
    • इस वर्ष की थीम वृद्धजनों को समाज के सक्रिय अंग के रूप में सशक्त बनाने और उनके लिए स्वास्थ्य सेवाओं, डिजिटल साक्षरता एवं सामाजिक सुरक्षा के विस्तार पर केंद्रित है।

इतिहास

  • वृद्धजनों की समस्याओं पर वैश्विक स्तर पर चर्चा की शुरुआत वर्ष 1982 में वियना में आयोजित विश्व वृद्धजन सभा (World Assembly on Ageing) से हुई थी।
  • इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने “वृद्धजनों के लिए संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत” (UN Principles for Older Persons, 1991) जारी किए, जिनमें स्वतंत्रता, सहभागिता, देखभाल, आत्म-सम्मान और गरिमा जैसे मूल्य शामिल हैं।
  • फिर वर्ष 2002 में “मैड्रिड अंतरराष्ट्रीय वृद्धावस्था कार्य योजना (Madrid International Plan of Action on Ageing)” को अपनाया गया, जिसने वृद्धजनों के लिए दीर्घकालिक नीति ढांचे की दिशा निर्धारित की।

उद्देश्य

  • वृद्धजनों के अधिकारों की रक्षा और सामाजिक भागीदारी को प्रोत्साहन देना।
  • वृद्धजनों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान से जुड़ी नीतियों को सशक्त बनाना।
  • पीढ़ियों के बीच सहयोग और एकजुटता को बढ़ावा देना।
  • सरकारों और संस्थानों को वृद्धजनों के लिए समावेशी नीतियाँ अपनाने के लिए प्रेरित करना।

संयुक्त राष्ट्र वृद्धजन अधिकार सम्मेलन

संयुक्त राष्ट्र में वृद्धजनों के अधिकारों पर एक वैश्विक संधि (UN Convention on the Rights of Older Persons) पर कार्य जारी है, जो वृद्धजनों के लिए मानवाधिकारों की समान गारंटी प्रदान करेगी। यह प्रस्ताव मुख्यतः चार मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है :

  1. गरिमा (Dignity)
  2. स्वतंत्रता (Independence)
  3. भागीदारी (Participation)
  4. सुरक्षा (Security)

भारत में स्थिति

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों की संख्या 10.4 करोड़ (8.6%) थी।
  • वर्ष 2021 में यह बढ़कर 13.8 करोड़ हो गई।
  • वर्ष 2036 तक यह संख्या लगभग 22 करोड़ (14% आबादी) होने का अनुमान है।

कानून और योजनाएँ

  • वरिष्ठ नागरिक अधिनियम, 2007 (Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act, 2007)
  • राष्ट्रीय वृद्धजन नीति, 1999 (National Policy on Older Persons)
  • अटल वयो अभ्युदय योजना (AVYAY) : स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल साक्षरता को प्रोत्साहन देने के लिए।
  • राष्ट्रीय वृद्धजन सहायता कार्यक्रम (IGNOAPS) : 60 वर्ष से ऊपर के आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को पेंशन सहायता।
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