New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM The June Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6 June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM The June Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6 June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

जेम्स वेब टेलीस्कोप ने सबसे पुरानी ज्ञात आकाशगंगा का पता लगाया

चर्चा में क्यों

हाल ही में नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने सबसे पुरानी ज्ञात आकाशगंगा को देखा है, जो आश्चर्यजनक रूप से उज्ज्वल और बड़ी है। इसका निर्माण ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्था के दौरान हुआ था। 

JWST

इस नई आकाशगंगा के बारे में 

  • JADES-GS-z14-0 नामक यह आकाशगंगा लगभग 1,700 प्रकाश वर्ष चौड़ी है। 
  • इस आकाशगंगा का द्रव्यमान हमारे सूर्य के आकार के 500 मिलियन तारों के बराबर है और यह तेजी से नए तारों का निर्माण कर रही है। 
  • यह खोज खगोलविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा की गई थी, जिन्होंने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) एडवांस्ड डीप एक्स्ट्रागैलेक्टिक सर्वे (JADES) कार्यक्रम के तहत आकाशगंगाओं का निरीक्षण करने के लिए JWST का उपयोग किया था।
  • एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है जो प्रकाश एक वर्ष में तय करता है, जो 9.5 ट्रिलियन किमी (5.9 ट्रिलियन मील) है।

खोजी गई दूसरी सबसे पुरानी आकाशगंगा :

  • JADES-GS-z14-0 से पहले JADES टीम द्वारा बिग बैंग के लगभग 303 मिलियन वर्ष बाद की दूसरी सबसे पुरानी ज्ञात आकाशगंगा ‘JADES-GS-z14-1’ की खोज की गई थी।
  • यह आकशगंगा JADES-GS-z14-0 से छोटी है, जिसका द्रव्यमान लगभग 100 मिलियन सूर्य के आकार के तारों के बराबर है, जो लगभग 1,000 प्रकाश वर्ष चौड़ा है और प्रति वर्ष लगभग दो नए तारे बनाती है।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के बारे में 

  • इसे 2021 में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसियों के संयुक्त प्रयास के रूप में लॉन्च किया गया था।
  • यह लगभग 6.5 मीटर प्राथमिक दर्पण वाला एक बड़ा इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है।
  • इसे विशेष रूप से ब्रह्मांड के पार और किसी भी पिछले खगोलीय उपकरण की तुलना में समय में पीछे देखने के लिए डिज़ाइन किया गया था और साथ ही इसका एक प्रमुख उद्देश्य नवजात ब्रह्मांड में प्रज्वलित होने वाले पहले सितारों को खोजना है। 
  • यह हबल स्पेस टेलीस्कोप की तरह पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा नहीं करता है, यह पृथ्वी से 5 मिलियन किलोमीटर दूर सूर्य की परिक्रमा करता है जिसे दूसरा लैग्रेंज बिंदु या L2 कहा जाता है।
  • JWST वर्ष 2022 में चालू होने के बाद से प्रारंभिक ब्रह्मांड की समझ में क्रांति ला दी है। इसके तहत नई खोज JWST एडवांस्ड डीप एक्स्ट्रागैलेक्टिक सर्वे (JADES) अनुसंधान टीम द्वारा की गई थी।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR