केरल के पश्चिमी घाट क्षेत्र के कनिचार गाँव में अति-स्थानीय मौसम पूर्वानुमान और भूस्खलन की चेतावनियाँ प्रदान करने के लिए ‘लिविंग लैब’ स्थापित की गई है।
मुख्य विशेषताएँ
- इसे वैज्ञानिकों, स्थानीय समुदायों और सरकारी एजेंसियों की एक संयुक्त पहल के तहत विकसित किया गया है।
- यह लैब वर्षा, मृदा संतृप्ति और भूस्खलन के जोखिमों का पूर्वानुमान लगाने के लिए स्वचालित मौसम केंद्रों, मृदा नमी सेंसर एवं ए.आई. मॉडल का उपयोग करता है।
- मोबाइल एप्लिकेशन और सामुदायिक नेटवर्क के माध्यम से ग्रामीणों को रीयल-टाइम डाटा एवं अलर्ट प्रदान करता है।
महत्त्व
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण : केरल के पहाड़ी इलाकों में प्राय: होने वाले भूस्खलन और अचानक आने वाली बाढ़ को कम करने में मदद
- जलवायु अनुकूलन: बदलते जलवायु पैटर्न के बीच स्थानीयकृत, सटीक पूर्वानुमान प्रदान करना
- सामुदायिक सशक्तिकरण: जमीनी स्तर पर लचीलापन और आपदा तैयारी को बढ़ाना
- मापनीयता: अन्य संवेदनशील हिमालयी और पश्चिमी घाट क्षेत्रों में भी अपनाने का मार्ग प्रशस्त करना
निष्कर्ष
- केरल का ‘लिविंग लैब’ यह प्रदर्शित करता है कि प्रौद्योगिकी और सामुदायिक भागीदारी आपदा तैयारी एवं जलवायु लचीलेपन के लिए एक स्थायी मॉडल तैयार कर सकती है।