प्रारंभिक परीक्षा- IOM, WFP मुख्य परीक्षा- सामान्य अधययन, पेपर-2 |
संदर्भ-
- ‘संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन’ (IOM) के अनुसार, 30 अक्टूबर,2023 तक डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या 6.9 मिलियन हो गई है। उत्तरी किवु के पूर्वी प्रांत में विद्रोही समूह ‘मौवेमेंट डू 23 मार्स’ (Mouvement du 23 Mars -M23) के साथ चल रहे संघर्ष के कारण लगभग दस लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं।
विवाद का कारण-
- डीआरसी में संघर्ष का दौर 1990 के दशक में शुरू हुआ, जब यहाँ वर्ष,1996 और वर्ष,1998 में दो गृहयुद्ध हुए थे।
- यह संघर्ष वर्ष,1994 में हुए रवांडा नरसंहार के संदर्भ में शुरू हुआ था, जब ‘हुतु’ नस्ल के चरमपंथियों ने लगभग 10 लाख अल्पसंख्यक ‘तुत्सी’ और गैर-चरमपंथी ‘हुतु’ नस्ल को मार डाला था।
- उसी समय से रवांडा की सीमा से लगा पूर्वी डीआरसी कई आतंकवादी समूहों का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, M23 के अलावा, उत्तरी किवु, दक्षिणी किवु, इतुरी और तांगानिका के पूर्वी प्रांतों में 120 से अधिक आतंकवादी समूह सक्रिय हैं।
- इस क्षेत्र में कई आतंकवादी समूहों द्वारा हिंसा, सुरक्षा बलों द्वारा न्यायेतर हत्याएं और पड़ोसी देशों के साथ बढ़ते तनाव ने हजारों लोगों की जान ले ली है।
- डीआरसी और पड़ोसी रवांडा के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि दोनों देश एक-दूसरे पर क्रमशः ‘तुत्सी’ और ‘हुतु’ नस्ल के नेतृत्व वाले आतंकवादी समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाते हैं।
- नवंबर,2021 में तुत्सी के नेतृत्व वाले M23 आतंकवादी समूहों के अभियान के फिर से सामने आने से डीआरसी के पूर्वी प्रांतों में सुरक्षा स्थिति खराब हो गई। यह समूह लगातार हमले करता रहता है और उसने कई शहरों पर कब्ज़ा कर लिया है।
- नवंबर,2022 में पूर्वी अफ्रीकी बल और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना द्वार डीआरसी और रवांडा के बीच युद्धविराम समझौता संपन्न कराया, किंतु M23 विद्रोहियों द्वारा इस युद्धविराम समझौते का अनुपालन ना करने की घोषणा के बाद यह विफल हो गया।
- जनवरी,2023 से M23 इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।
प्रमुख कर्ता-
- M23 के अलावा प्रमुख विद्रोही समूहों में एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज (ADF) और कोऑपरेटिव फॉर डेवलपमेंट ऑफ द कांगो (CODECO) शामिल हैं।
- ADF युगांडा स्थित विद्रोही समूह है, जो पूर्वी डीआरसी में 1999 के मध्य से काम कर रहा है और 2019 में इस्लामिक स्टेट के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की है।
- CODECO के अनुसार, उसका उद्देश्य हेमास (Hemas) और कांगो सेना से लेंडु( Lendu) नस्ल के हितों की रक्षा करना है।
- इसके बाद रवांडा आता है, जिस पर डीआरसी M23 समूह का समर्थन करने का आरोप लगता है। इसके विपरीत, रवांडा का दावा है कि डीआरसी ‘हुतु’ मिलिशिया का समर्थन करता है जिन्होंने 1994 में रवांडा नरसंहार को अंजाम दिया और पूर्वी डीआरसी में भाग गए।
- दोनों देश एक दूसरे के आरोपों से इनकार करते हैं।
- डीआरसी के पास पूर्वी अफ़्रीकी समुदाय (ईएसी) का समर्थन है।
- नवंबर 2022 में हिंसा को रोकने के लिए ईएसी ने पूर्वी डीआरसी में अपने सैनिकों को तैनात किया। सेनाएँ केन्या, दक्षिण सूडान, बुरुंडी और युगांडा से थीं।
- डीआरसी की जनता के बीच अगस्त,2023 से ईएसी और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की वापसी की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी है।
- प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ताकतों पर विद्रोह को समाप्त करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
- डीआरसी के अध्यक्ष फेलिक्स त्सेसीकेदी ने ईएसी से 8 दिसंबर,2023 तक देश छोड़ने को कहा है।
विस्थापन का कारण-
- विस्थापन के निम्नलिखित कारण देखे जा सकते हैं-
1. जातीय असहिष्णुता और विद्रोह-
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- रवांडा नरसंहार के बाद लगभग दो मिलियन ‘हुतु’ शरणार्थी रवांडा को पार करके डीआरसी के उत्तरी किवु और दक्षिणी किवु प्रांतों में चले गए।
- इन शरणार्थियों ने कानून के भय से डीआरसी में नस्लीय मिलिशिया का गठन किया।
- तनाव तब बढ़ गया, जब रवांडा के ‘तुत्सी’ ने डीआरसी में भाग गए ‘हुतु’ के विरुद्ध मिलिशिया का गठन किया।
- इसके बाद, खतरा महसूस करने वाले कई नस्लीय और अंतर-नस्लीय समूहों ने एक-दूसरे के खिलाफ अपनी सेनाओं को संगठित करना शुरू कर दिया।
- क्षेत्र में लड़ रहे कई विद्रोही समूहों और कर्ताओं ने व्यापक हत्या, यौन हिंसा तथा बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघनों को अंजाम दिया है।
2. राजनीतिक अनिश्चितता और समावेशी शासन की कमी-
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- डीआरसी के राष्ट्रपति फेलिक्स सिकेदी वर्ष,2019 में लोकतांत्रिक चुनावों के माध्यम से सत्ता में आए।
- डीआरसी में 20 दिसंबर,2023 को चुनाव होने वाले हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा है कि देश के कुछ हिस्सों में जारी असुरक्षा "स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और पारदर्शी" मतदान के लिए चुनौती पैदा करेगी।
- वर्तमान में डीआरसी में कई जातीय प्रमुखों का शासन है, जिन्हें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। इन प्रमुखों की शिकायतों को समग्र रूप से पूरा नहीं किया जाता है क्योंकि इनके प्रतिनिधित्व, शक्ति, क्षेत्र और संसाधनों पर संघर्षों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
3. क्षेत्रीय तनाव-
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- सशस्त्र समूहों को विभिन्न स्तरों पर रवांडा, युगांडा और बुरुंडी की सरकारों द्वारा समर्थन दिया गया है, जो क्षेत्र में प्रत्येक देश के हितों के लिए प्रॉक्सी के रूप में कार्य कर रहे हैं।
- इन सभी ने चौथे कारक को जन्म दिया है, जो है- मानवीय संकट।
- किवु सिक्योरिटी ट्रैक्टर(Kivu Security Tractor) के अनुसार, वर्ष,2023 में इस क्षेत्र में 1,400 लोग मारे गए और 600 से अधिक हमले हुए।
- विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के अनुसार, इस संकट के कारण उत्तरी किवु, इतुरी और दक्षिण किवु में 1.1 मिलियन से अधिक लोगों को भोजन के सहायता की आवश्यकता है।
- कमज़ोर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया। अंतर्राष्ट्रीय कर्ता संकट से निपटने के लिए पर्याप्त प्रयास करने में विफल रहे हैं।
- डब्ल्यूएफपी और नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल जैसे संगठनों के अनुसार, भुखमरी और मानवीय संकटों का सामना कर रहे कांगो के लोगों की सहायता के लिए धन की कमी एक बड़ी चुनौती है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो की सीमा किस देश से नहीं लगती?
(a) अंगोला
(b) तंजानिया
(c) गैबन
(d) जाम्बिया
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में विवाद के उत्पन्न होने के कारण एवं उसके बाद उत्पन्न मानवीय संकट की विवेचना करें।
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स्रोत- the hindu(text & context)