New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

स्किल्स फॉर द फ्यूचर: ट्रांसफॉर्मिंग इंडियाज वर्कफोर्स लैंडस्केप रिपोर्ट

(प्रारंभिक परीक्षा : महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट एवं सूचकांक)

संदर्भ 

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने 28 जून को ‘भविष्य के लिए कौशल: भारत के कार्यबल परिदृश्य में बदलाव’ (Skills for the Future: Transforming India’s Workforce Landscape) शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की।

रिपोर्ट के बारे में 

  • यह रिपोर्ट इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस (IFC) द्वारा तैयार की गई है जो भारत के कौशल परिदृश्य का एक व्यापक और डाटा-आधारित विश्लेषण प्रस्तुत करती है। 
  • यह रिपोर्ट आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) 2023-24, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY 4.0) डैशबोर्ड, सेक्टर स्किल काउंसिल (SSCs) और नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (NAPS) जैसे डाटा स्रोतों का उपयोग करके भारत के कार्यबल की वर्तमान स्थिति, चुनौतियों व भविष्य की संभावनाओं को उजागर करती है। 

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • कार्यबल का असंतुलन और निम्न-दक्षता व्यवसायों पर निर्भरता : आंकड़ों के अनुसार, भारत के कार्यबल का 88% हिस्सा निम्न-दक्षता वाले व्यवसायों में कार्यरत है जिनमें अधिकांश कार्य शारीरिक श्रम या कम तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले हैं, जैसे- कृषि, निर्माण एवं असंगठित क्षेत्र के कार्य।
    • इसके विपरीत केवल 10-12% कार्यबल उच्च-दक्षता वाले व्यवसायों (High-Competency Occupations) में कार्यरत है, जैसे- सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त एवं प्रबंधन जैसे क्षेत्र। 
    • यह असंतुलन भारत के सामने एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करता है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था तेजी से ज्ञान-आधारित एवं तकनीकी रूप से उन्नत हो रही है।
  • प्रमुख क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण का केंद्रण : रिपोर्ट में पांच प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है जो भारत में व्यावसायिक प्रशिक्षण (TVET) का 66% से अधिक हिस्सा प्रदान करते हैं। ये क्षेत्र हैं:
  • सूचना प्रौद्योगिकी एवं आईटी-सक्षम सेवाएँ (IT and ITeS)
    • वस्त्र एवं परिधान
    • इलेक्ट्रॉनिक्स
    • स्वास्थ्य सेवा एवं जीवन विज्ञान
    • सौंदर्य व कल्याण 

रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें

रिपोर्ट में भारत के कार्यबल को भविष्य के लिए तैयार करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा योग्य बनाने के लिए निम्नलिखित बहुआयामी व लक्षित सिफारिशें प्रस्तुत की गई हैं-

  • मानकीकृत डाटा संग्रह प्रणाली की स्थापना : कौशल आवश्यकताओं का अनुमान लगाने और नीति निर्माण को साक्ष्य-आधारित बनाने के लिए एक समर्पित व मानकीकृत डाटा संग्रह प्रणाली की आवश्यकता है।
    • यह प्रणाली विभिन्न क्षेत्रों में कौशल अंतराल (Skill Gaps) की पहचान करने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने और उद्योग की मांग के साथ प्रशिक्षण को संरेखित करने में सहायता करेगी।
  • उद्योगों को प्रोत्साहन एवं जवाबदेही : उद्योगों को प्रमाणित कुशल प्रतिभा पूल से भर्ती करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रोत्साहन नीतियां लागू की जानी चाहिए।
    • इसके अतिरिक्त उद्योगों को बाजार-संरेखित प्रशिक्षण प्रदान करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। 
  • उच्च वेतन संरचना व प्रोत्साहन : प्रमाणित कुशल कर्मचारियों के लिए उच्च वेतन संरचना लागू करने की सिफारिश की गई है। यह न केवल कुशल कार्यबल को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि युवाओं को कौशल विकास कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा।
    • उदाहरण के लिए, यदि इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में प्रमाणित तकनीशियनों को उच्च वेतन प्रदान किया जाता है, तो अधिक युवा इस क्षेत्र में प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित होंगे।
  • क्षेत्र-विशिष्ट एवं लक्षित हस्तक्षेप : पाँच उच्च-संभावना वाले क्षेत्रों (IT व ITeS, वस्त्र एवं परिधान, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य सेवा व जीवन विज्ञान, सौंदर्य तथा कल्याण) में केंद्रित प्रशिक्षण व नीतिगत हस्तक्षेपों की आवश्यकता है।
  • अनौपचारिक एवं अनुभवात्मक शिक्षा को मान्यता : भारत में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लाखों श्रमिकों के पास अनौपचारिक एवं अनुभवात्मक शिक्षा होती है जिसे औपचारिक रूप से मान्यता देने की आवश्यकता है।
    • इसके लिए रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (RPL) जैसे कार्यक्रमों को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को प्रमाणित किया जा सके और उनकी रोजगार योग्यता बढ़ाई जा सके।
  • रोजगार योग्यता सूचकांक (Employability Index) : एक मजबूत रोजगार योग्यता सूचकांक की स्थापना की सिफारिश की गई है जो शिक्षा व कौशल विकास के रोजगार पर प्रभाव को मॉनिटर करेगा।
    • यह सूचकांक नीति निर्माताओं को यह समझने में मदद करेगा कि कौन से प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रभावी हैं और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR