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अंतरिक्ष में मॉस स्पोर्स का जीवनकाल

(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग, अंतरिक्ष, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी, संरक्षण)

संदर्भ

हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया कि मॉस के स्पोर्स (बीजाणु) लगभग 9 महीने तक अंतरिक्ष में खुले वातावरण में जीवित रह सकते हैं।

Lifespan-of-moss

मॉस (Moss) के बारे में

  • मॉस (Moss) प्राय: नम एवं छायादार स्थानों पर पाई जाने वाली एक छोटी, साधारण किंतु अत्यंत सहनशील वनस्पति प्रजाति है।
  • मॉस के स्पोर्स (बीजाणु) लगभग 9 महीने तक अंतरिक्ष में खुले वातावरण में जीवित रह सकते हैं। यह खोज अंतरिक्ष अन्वेषण, ग्रहों पर जीवन की संभावना और भविष्य के मानव आवासों के विकास के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

हालिया अध्ययन के बारे में

  • मार्च 2022 में वैज्ञानिकों ने लगभग 20,000 मॉस स्पोर्स को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के बाहर स्थापित किया।
  • ये स्पोर्स 283 दिनों तक खुले अंतरिक्ष में रहे, जहाँ उन्हें निर्वात (Vacuum), कॉस्मिक रेडिएशन, माइक्रोग्रैविटी और अत्यधिक तापमान बदलाव का सामना करना पड़ा।
  • जनवरी 2023 में स्पोर्स को पृथ्वी पर वापस लाया गया। इसमें 80% से अधिक स्पोर्स जीवित रहे और उनमें से अधिकांश प्रयोगशाला में सामान्य रूप से अंकुरित भी हुए।
  • क्लोरोफिल स्तर की जाँच में भी सामान्य परिणाम पाए गए और केवल ‘क्लोरोफिल a’ में लगभग 20% कमी दर्ज की गई, जो उनके स्वास्थ्य पर प्रभावी नहीं था।

मॉस स्पोर्स के जीवित रहने का कारण 

वैज्ञानिकों के अनुसार, मॉस स्पोर्स के पास कई सुरक्षात्मक गुण हैं-

  • इनके ऊपर बीजाणु की बहु-स्तरीय दीवारें होती हैं। ये दीवारें अंतरिक्ष के कठोर वातावरण से ‘निष्क्रिय सुरक्षा कवच’ प्रदान करती हैं।
  • इन्हीं परतों की वजह से मॉस, रेडिएशन एवं अत्यधिक तापमान जैसी परिस्थितियों में भी सुरक्षित रह सका।

खोज का महत्त्व 

  • अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों का मानना है कि मॉस स्पोर्स 15 वर्ष तक अंतरिक्ष में जीवित रह सकते हैं। यह क्षमता किसी भी पौधकीय जीव में अत्यंत दुर्लभ है।
  • चंद्रमा एवं मंगल पर मानव आवास बनाने में मदद मिलेगी, मॉस का उपयोग भविष्य में कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है:
    • ऑक्सीजन उत्पादन
    • नमी (Humidity) नियंत्रण
    • मृदा निर्माण (Soil Formation)
  • ये तीनों विशेषताएँ चंद्रमा या मंगल पर मानव बस्तियाँ विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
  • यदि साधारण पौधों के स्पोर्स अंतरिक्ष की परिस्थितियों में जीवित रह सकते हैं तो अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावना या जीवन के एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक पहुँचने (Panspermia Theory) के विचार को भी मजबूती मिलती है।
  • यह शोध पृथ्वी ग्रह के कुछ सबसे दुर्गम पर्यावरणीय क्षेत्रों, जैसे- अंटार्कटिका, ज्वालामुखीय स्थल, मरुस्थल में जीवन के अनुकूलन को समझने में भी मदद करता है।

निष्कर्ष

मॉस स्पोर्स के लंबे समय तक अंतरिक्ष में जीवित रहने की क्षमता ने वैज्ञानिकों के लिए नए द्वार खोले हैं। यह केवल एक वनस्पति वैज्ञानिक खोज नहीं है बल्कि अंतरिक्ष जीवविज्ञान, ग्रह विज्ञान एवं भविष्य के अंतरिक्ष आवास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अध्ययन ने यह सिद्ध कर दिया है कि जीवन की क्षमता हमारी कल्पनाओं से कहीं अधिक व्यापक है; चाहे वह पृथ्वी पर हो या अंतरिक्ष में।

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