New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Month End Sale offer UPTO 75% Off, Valid Till : 28th Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Month End Sale offer UPTO 75% Off, Valid Till : 28th Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

COP 30 : मुतिराओ अवधारणा

ब्राज़ील के बेलेम शहर में आयोजित COP 30 में ‘मुतिराओ (Mutirão)’ शब्द वैश्विक चर्चा का केंद्र बना। 

क्या है मुतिराओ

  • मुतिराओ (Mutirão) ब्राज़ीलियाई अवधारणा है जिसका अर्थ सामूहिक प्रयास, सहयोगात्मक कार्ययोजना (Collaborative Action) या सर्वसम्मति का निर्माण (Consensus Building) है।
  • इसमें सरकारें सामाजिक आंदोलन, युवा, आदिवासी समुदाय, निजी क्षेत्र, शोध संस्थान एवं नागरिक समाज सभी एक साथ मिलकर निर्णयन एवं कार्यान्वयन में भाग लेते हैं।
  • COP 30 में इसे भागीदारी-आधारित जलवायु प्रशासन (Participatory Climate Governance) का मुख्य आधार बनाया गया।

मुतिराओ की उत्पत्ति

  • ‘मुतिराओ’ शब्द तुपी-गुआरानी (Tupi-Guarani) भाषा से निकला है। यह दक्षिण अमेरिका की एक बड़ी व प्राचीन आदिवासी जनजाति है जो अमेज़न से अटलांटिक तट तक विस्तारित हुई।
  • इसकी आदिवासी जड़ों के कारण COP 30 ने इसे प्रतीकात्मक रूप से अपनाया, ताकि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव आदिवासी समुदायों और वर्षावनों पर उभारा जा सके।

Mutirao

COP 30 में इसका महत्व

  • COP 30 ने दिखाया कि केवल सरकारें नहीं, बल्कि हज़ारों आदिवासी समुदाय, महिला समूह, युवा संगठनों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी जलवायु नीतियों को अधिक प्रभावी बनाती है।
  • दुनिया में 5,000 से अधिक विभिन्न आदिवासी समूह प्रकृति संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • मुतिराओ की अवधारणा ने इन समुदायों की आवाज को वैश्विक मंच पर मजबूत किया, विशेषकर जब वे खनन, तेल व गैस ड्रिलिंग से होने वाले अतिक्रमण का सामना कर रहे हैं।
  • COP 30 का स्थान बेलेम (अमेज़न) और ‘मुतिराओ’ शब्द दोनों ही यह संकेत देते हैं कि जलवायु कार्रवाई वर्षावनों और आदिवासी समुदायों की रक्षा के बिना संभव नहीं है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X