New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

बलिया में बनेगा स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पाण्डेय का स्मारक

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने बलिया में स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के सम्मान में स्मारक बनाने की घोषणा की।

स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के बारे में:

  • परिचय
    • चित्तू पांडेय एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे।
    • इन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 
    • उन्हें 'बलिया के शेर' के नाम से भी जाना जाता है।
  • जन्म और प्रारंभिक जीवन
    • इनका जन्म 10 मई 1865 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था।
    • वे प्रारंभ से ही देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत थे और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष के लिए समर्पित थे।
  • भारत छोड़ो आंदोलन में भूमिका
    • वर्ष 1942 में जब महात्मा गांधी ने "भारत छोड़ो आंदोलन" की घोषणा की, तो चित्तू पांडेय ने बलिया में आंदोलन का नेतृत्व किया।
    • उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह किया 
    • 19 अगस्त 1942 को बलिया को स्वतंत्र घोषित कर दिया।
    • कुछ दिनों तक बलिया में ब्रिटिश शासन समाप्त रहा 
    • चित्तू पांडेय को बलिया का अंतरिम प्रशासक (अस्थायी सरकार का प्रमुख) बनाया गया था।
  • निधन 
    • 1946 में स्वतंत्रता संग्राम के इस वीर सेनानी का निधन हो गया।

प्रश्न: चित्तू पांडेय को किस नाम से जाना जाता था?

(a) बलिया का शेर

(b) क्रांति पुरुष

(c) बलिया के बागी

(d) स्वतंत्रता सम्राट

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR