New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

नेफ़्रोटिक सिंड्रोम

 चर्चा में क्यों 

केरल के शोधकर्ताओं ने मलप्पुरम जिले से कई मामलों में फेयरनेस क्रीम के नियमित उपयोग से नेफ्रोटिक सिंड्रोम का पता लगाया है।

नेफ्रोटिक सिंड्रोम के बारे में

  • यह वृक्क (kidney) से जुड़ा एक विकार है, इसमें शरीर से मूत्र के साथ बहुत अधिक प्रोटीन का उत्सर्जन होने लगता है।
    • मूत्र के साथ बहुत अधिक प्रोटीन उत्सर्जन को प्रोटीनमेह (Proteinuria) कहते हैं। 
  • यह आमतौर पर आपके गुर्दे के ग्लोमेरुली (एक प्रकार का फिल्टर) की समस्या के परिणामस्वरूप होता है।
    • वृक्क आपके रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को नेफ्रॉन नामक फ़िल्टरिंग इकाइयों के माध्यम से हटा देते हैं।
    • प्रत्येक नेफ्रॉन में एक ग्लोमेरुलस होता है, जो रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को छानता है और उसे मूत्र के रूप में आपके मूत्राशय में भेजता है।
    • सामान्य अपशिष्ट उत्पादों में नाइट्रोजन अपशिष्ट (यूरिया), मांसपेशियों का अपशिष्ट (क्रिएटिनिन), और अन्य अम्लीय पदार्थ शामिल होते हैं।
  • ग्लोमेरुली शरीर को नियमित रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक कोशिकाओं और प्रोटीन को रक्त में बनाए रखता है। 
    • नेफ्रोटिक सिंड्रोम आमतौर पर तब होता है जब ग्लोमेरुली में सूजन हो जाती है, और मूत्र में बहुत अधिक प्रोटीन (प्रोटीन्यूरिया) निकलने लगता है।

नेफ्रोटिक सिंड्रोम के कारण 

  • यह वृक्क से संबंधित ऐसी किसी भी बीमारी के कारण हो सकता है जो नेफ्रॉन इकाइयों को नुकसान पहुंचाकर प्रोटीन्यूरिया को बढ़ाती हो।
  • नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम का कारण बनने वाली कुछ बीमारियाँ, जैसे नेफ्रैटिस, केवल किडनी को प्रभावित करती हैं।
  • अन्य बीमारियाँ जो नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम का कारण बनती हैं, जैसे मधुमेह और ल्यूपस, शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित करती हैं।
  • हाल के शोधों में पारा युक्त फेस क्रीम और नेफ्रोटिक सिंड्रोम के बीच संबंध पाया गया है। 

नेफ्रोटिक सिंड्रोम के दुष्प्रभाव 

  • नेफ्रोटिक सिंड्रोम गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है, जिनमें शामिल हैं :
    • रक्त में थक्के बनने लगते हैं, जिससे थ्रोम्बोसिस और उच्च रक्तचाप का कारण बन सकते हैं। 
    • क्रोनिक किडनी रोग और किडनी की विफलता सहित अल्पकालिक या लंबे समय तक चलने वाली किडनी की समस्याएं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X