22 जून को अमेरिकी ने ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया, जिसे ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ नाम दिया गया है।
ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के बारे में
- क्या है : इस ऑपरेशन में अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों फोर्डो, नतांज़ एवं इस्फ़हान को निशाना बनाया गया।
- 25 मिनट के इस ऑपरेशन में अमेरिकी बी-2 बमवर्षक विमानों ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर जी.बी.यू.-57 ‘बंकर बस्टर’ गोला-बारूद गिराए।
- उसके बाद एक अमेरिकी पनडुब्बी से 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों दागी गई।
- पहली बार अमेरिका ने 15 टन के जी.बी.यू.-57 बंकर बस्टर बम का इस्तेमाल किया है।

- उड़ान एयरबेस : युद्धक विमानों ने ‘व्हाइटमैन एयर फ़ोर्स बेस’ (कैंसस, अमेरिका) से 18 घंटे की उड़ान भरी, जो कि ईरान के फ़ोर्डो से 6,900 मील दूर है।
- ईरान की प्रतिक्रिया : ईरान ने इस कृत्य की आलोचना करने के साथ-साथ कतर स्थित अमेरिका के अल-उदीद एयर मिलिट्री बेस पर मिसाइल हमला किया। यह मध्य-पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है और मध्य कमान का अग्रिम मुख्यालय है। स्थ ही, सीरिया के हसाका प्रांत में एक अमेरिकी सैन्य बेस पर हमला हुआ है।
- कतर, बहरीन, इराक, इजरायल, मिस्र, जॉर्डन, कुवैत, सऊदी अरब, सीरिया एवं संयुक्त अरब अमीरात में अमेरिका के सैन्य ठिकाने फैले हुए हैं।

बंकर बस्टर बम के बारे में
- यह अमेरिकी शस्त्रागार में सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम है।
- इसे GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) के नाम से जाना जाता है।
- इसे बोइंग द्वारा अमेरिका की वायु सेना के लिए डिजाइन किया गया है।
- यह बम 200 फीट गहराई में और 60 फीट प्रबलित कंक्रीट को भेदने में सक्षम है।
- इसका भारी वजन (लगभग 13600 किग्रा.) होने के कारण इसे केवल बी-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर विमान से ही भेजा जा सकता है।
- बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर विमान दो जी.बी.यू.-57 (एम.ओ.पी.) ले जा सकता है जिनमें से प्रत्येक का वजन 30,000 पाउंड (15 टन) हो सकता है।
|