New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

अंग प्रत्यारोपण : भारत

देश में विदेशियों से जुड़े अंग प्रत्यारोपणों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। 

अंग प्रत्यारोपण में भारत  की स्थिति

  • राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) की रजिस्ट्री के आंकड़ों से पता चला कि निजी अस्पतालों के माध्यम से अंग प्राप्त करने वाले विदेशी नागरिकों में पर्याप्त वृद्धि हुई है। 
  • तमिलनाडु के ट्रांसप्लांट अथॉरिटी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, नए दिशानिर्देश लागू होने के बाद, जीवन रक्षक अंग प्राप्त करने वाले भारतीय रोगियों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में 56% बढ़ गई है।
  •  भारत में हर साल 17,000-18,000 ठोस अंग प्रत्यारोपण होते हैं जो अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में सबसे अधिक है ,लेकिन प्रति दस लाख आबादी पर प्रत्यारोपण दर (0.65) के मामले में यह कई उच्च आय वाले देशों से पीछे है।
  • भारत में सबसे अधिक प्रत्यारोपित किया जाने वाला अंग किडनी है, लेकिन प्रत्यारोपण की वर्तमान संख्या (11,243), प्रतिवर्ष अनुमानित 200,000 किडनी विफलताओं की मांग को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है।
    • भारत में मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी पुरानी बीमारियों का बोझ बहुत अधिक है।

राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO)  

  • NOTTO भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के तहत नई दिल्ली में स्थापित एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन है।
    • चंडीगढ़, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और गुवाहाटी में पाँच क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (ROTTO) स्थापित किए गए हैं। 
    • इसके अलावा, बारह राज्यों में राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) की स्थापना की गई है। 
  • यह देश में अंगों और ऊतकों की खरीद और वितरण तथा अंगों और ऊतकों के दान और प्रत्यारोपण की रजिस्ट्री के लिए समन्वय और नेटवर्किंग की अखिल भारतीय गतिविधियों के लिए शीर्ष केंद्र के रूप में कार्य करता है।  

मानव अंगों और ऊतकों का प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994

  • उद्देश्य  : 
    • मानव अंगों के वाणिज्यिक और अवैध दान या विज्ञापनों को रोकना
    • चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए मानव अंगों और ऊतकों को हटाने, भंडारण और प्रत्यारोपण के विनियमन करना  
    • मानव अंगों और ऊतकों में वाणिज्यिक लेनदेन को रोकथाम प्रदान करना
      • कृत्रिम अंगों का विषय उपरोक्त अधिनियम के तहत विनियमित नहीं है।
  • अंग दान :
    • निकटतम रिश्तेदार दाता (माता, पिता, पुत्र, पुत्री, भाई, बहन, जीवनसाथी)
    • निकट रिश्तेदार दाता के अतिरिक्त ऐसा दाता केवल स्नेह और लगाव से या किसी अन्य विशेष कारण से दान कर सकता है और वह भी प्राधिकरण समिति की मंजूरी से।
    • मृत दाता, विशेष रूप से ब्रेन स्टेम मृत्यु के बाद।
  • भारत ने वर्ष1994 में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम (THOA) पारित किया, जिसे वर्ष 2014 में संशोधित किया गया था । 
    • यह अधिनियम मृत और जीवित दोनों दाताओं को अपने अंग और ऊतक दान करने की अनुमति देता है। 
    • इस अधिनियम ने अंगों के व्यावसायीकरण को दंडनीय अपराध बना दिया और भारत में मस्तिष्क मृत्यु की अवधारणा को वैध बना दिया । 
    • इस अधिनियम ने प्रत्यारोपण प्रक्रिया की निगरानी के लिए सलाहकार समिति, प्राधिकरण समिति और उपयुक्त प्राधिकरण जैसे नियामक निकायों की भी स्थापना की ।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR